Edited By Archna Sethi,Updated: 30 Sep, 2022 10:06 PM
)दो साल पहले नील गाय की चपेट में आने के बाद मरने वाले मोटरसाईकिल चालक को हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने सात लाख रुपये मुआवजा जारी करने के निर्देश दिए हैँ। मृतक मुकेश की पत्नी निशा ने हरियाणा मानव अधिकार आयोग से इंसाफ के लिए गुहार लगाई थी। निशा ने आयोग...
चंडीगढ़, 30 सितंबर (अर्चना सेठी)दो साल पहले नील गाय की चपेट में आने के बाद मरने वाले मोटरसाईकिल चालक को हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने सात लाख रुपये मुआवजा जारी करने के निर्देश दिए हैँ। मृतक मुकेश की पत्नी निशा ने हरियाणा मानव अधिकार आयोग से इंसाफ के लिए गुहार लगाई थी। निशा ने आयोग को भेजी शिकायत में कहा है कि उसका पति 14 नवंबर 2020 को रायपुर रानी से नारायणगढ़ मोटरसाइकिल पर जा रहा था, जब वह गांव फिरोजपुर के नजदीक पहुंचा तो उसके सामने अचानक एक नीलगाय आ गई, गाय ने सीधे आके उसके पति मुकेश को टक्कर मारी जिसकी वजह से मुकेश की जान चली गई।
आयोग ने लिया शिकायत का संज्ञान
शिकायत का संज्ञान लेते हुए मानव अधिकार आयोग के सदस्य दीप भाटिया ने उपायुक्त पंचकुला वा सरकार के वन विभाग को नोटिस जारी करके इस बारे में जवाब मांगा था तथा संबंधित विभाग के जवाब आने के बाद मामला की सुनवाई आयोग की खंडपीठ जस्टिस के सी पूरी एवम् सदस्य दीप भाटिया ने की। आयोग को भेजे जवाब में वन विभाग ने इस मामले में यह दलील दी की यदि व्यक्ति पैदल हो और किसी वन्यजीव द्वारा उस पर हमला किया जाए या उसे क्षति पहुंचे तो विभाग उसकी क्षतिपूर्ति करता है परंतु वाहन पर जाने वाले व्यक्ति की कोई क्षतिपूर्ति विभाग द्वारा नहीं की जाती। वन विभाग की इस दलील से आयोग संतुष्ट नहीं हुआ तथा इस विषय में आयोग ने पाया की मृतक मुकेश का कहीं भी लापरवाही से गाड़ी चलाने का या किसी प्रकार की गलती करने का उल्लेख रिकॉर्ड में नहीं था। अत: मुकेश की मृत्यु पूर्णता वन्य प्राणी की टक्कर की वजह से हुई जिसकी भरपाई की जानी आवश्यक है। आयोग की खंडपीठ जस्टिस के सी पुरी एवम् सदस्य दीप भाटिया ने अपने निर्णय में सरकार को मृतक परिवार को रुपए 7,00,000 बतौर मुआवजा देने के आदेश दिए हैं।
वन्यजीव विभाग की बनती है मुआवजा देने की जिम्मेदारी
हरियाणा मानव अधिकार आयोग के सदस्य दीप भाटिया का कहना है कि मोटरसाईकिल वाहन चालक की ड्राईविंग के दौान कोई गलती नहीं मिली है। जानकारी मिली है कि चालक मोटरसाईकिल को तेज रफ्तार से नहीं चला रहा था और ना ही वाहन चलाने के दौरान उसकी किसी किस्म की लापरवाही साबित हुई है, ऐसे में वन्यजीव विभाग की जिम्मेदारी बनती है कि वह मृतक की मौत को देखते हुए उसके परिवार को जुर्माना अदा करे।