Edited By Parveen Kumar,Updated: 20 Dec, 2025 07:38 PM

उत्तर प्रदेश में एक अप्रैल से नई आबकारी नीति लागू होने जा रही है और इसके साथ ही शराब पीने वालों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ना तय माना जा रहा है। प्रस्तावित नीति के तहत अंग्रेजी शराब की कीमतों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है। विभागीय...
नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश में एक अप्रैल से नई आबकारी नीति लागू होने जा रही है और इसके साथ ही शराब पीने वालों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ना तय माना जा रहा है। प्रस्तावित नीति के तहत अंग्रेजी शराब की कीमतों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, लाइसेंस शुल्क में करीब 10 प्रतिशत बढ़ोतरी का मसौदा तैयार कर मुख्यालय से लखनऊ भेज दिया गया है, जिस पर जनवरी महीने में मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
नई नीति में इस बार भी शराब दुकानों के नवीनीकरण की व्यवस्था जारी रहेगी। यानी मौजूदा लाइसेंसधारकों को राहत देते हुए टेंडर प्रक्रिया नहीं कराई जाएगी। इससे कारोबारियों को भले ही निरंतरता मिले, लेकिन बढ़ी हुई लाइसेंस फीस का असर अंततः उपभोक्ताओं पर पड़ना तय माना जा रहा है। आबकारी विभाग का मानना है कि शुल्क में इजाफे से राज्य के राजस्व में अच्छी बढ़ोतरी होगी।
पिछली नीति से अलग होंगे इस बार के हालात
गौरतलब है कि पिछले वर्ष लागू की गई आबकारी नीति में शराब की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया था। लेकिन इस बार हालात बदले हुए नजर आ रहे हैं। लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क बढ़ाने के प्रस्ताव पर आबकारी विभाग की बैठकों में विस्तार से चर्चा हो चुकी है, जिससे यह संकेत मिल रहे हैं कि इस बार शराब के दाम बढ़ना लगभग तय है।
अंग्रेजी शराब हो सकती है महंगी
अनुमान के मुताबिक, नई नीति लागू होने के बाद अंग्रेजी शराब के क्वार्टर की कीमत में 15 से 20 रुपये तक का इजाफा हो सकता है। वहीं हाफ बोतल करीब 50 रुपये और फुल बोतल 100 रुपये तक महंगी हो सकती है। हालांकि, इन दरों पर अंतिम फैसला शासन की मंजूरी के बाद ही लिया जाएगा।
राजस्व को मजबूती, उपभोक्ता पर बढ़ेगा बोझ
आबकारी विभाग का कहना है कि बढ़े हुए शुल्क से राज्य के खजाने को मजबूती मिलेगी, लेकिन आम उपभोक्ताओं के लिए यह नीति खर्च बढ़ाने वाली साबित हो सकती है। अब शराब कारोबारियों से लेकर उपभोक्ताओं तक, सभी की नजरें जनवरी में होने वाले अंतिम फैसले पर टिकी हुई हैं।