Edited By Anu Malhotra,Updated: 11 Dec, 2025 08:27 AM

उत्तर भारत में तेजी से कड़ाके की ठंड दस्तक दे चुकी है, और इसका असर अब बिहार में भी साफ नजर आने लगा है। सुबह की हवा में सिहरन इतनी बढ़ गई है कि बच्चों को स्कूल भेजना अभिभावकों के लिए चुनौती बन गया है। इसी स्थिति को देखते हुए पटना प्रशासन ने स्कूलों...
नेशनल डेस्क: उत्तर भारत में तेजी से कड़ाके की ठंड दस्तक दे चुकी है, और इसका असर अब बिहार में भी साफ नजर आने लगा है। सुबह की हवा में सिहरन इतनी बढ़ गई है कि बच्चों को स्कूल भेजना अभिभावकों के लिए चुनौती बन गया है। इसी स्थिति को देखते हुए पटना प्रशासन ने स्कूलों के समय में बड़ा बदलाव लागू कर दिया है।
पटना में 8वीं तक के स्कूलों की नई टाइमिंग लागू
तेज़ी से गिरते तापमान और सुबह के समय गंभीर ठंड को देखते हुए जिला प्रशासन ने प्री-स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्रों और जिले के सभी निजी व सरकारी विद्यालयों में कक्षा 8 तक के बच्चों के लिए नए समय तय किए हैं।
अब कक्षाएं सुबह 8:30 बजे शुरू होकर शाम 4:00 बजे तक चलेंगी।
यह व्यवस्था 11 दिसंबर 2025 से प्रभावी हो गई है और 18 दिसंबर 2025 तक लागू रहेगी।
प्रशासन का कहना है कि छोटे बच्चों पर ठंड का तुरंत असर पड़ता है, इसलिए उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सुबह की कक्षाओं को थोड़ा देर से शुरू करने का निर्णय लिया गया है। आदेश में स्पष्ट बताया गया कि अत्यधिक ठंड और लगातार गिरते तापमान के कारण छात्रों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ने की आशंका है, इसलिए यह अस्थायी बदलाव जरूरी माना गया।
बिहार में बढ़ती ठंड ने बढ़ाई परेशानी
राज्य में बीते दिनों से न्यूनतम तापमान तेजी से नीचे आया है।
कई जिलों में रात का पारा 9 से 14 डिग्री के बीच पहुंच चुका है, जबकि दिन का अधिकतम तापमान 24 से 28 डिग्री के आसपास है। सुबह-शाम की समयावधि में ठिठुरन और शीतलहर जैसी परिस्थितियाँ महसूस की जा रही हैं।
आने वाले 48 घंटे में मौसम का रुख
मौसम विभाग के अनुसार—
• पटना, चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, सुपौल, अररिया, किशनगंज, भागलपुर और खगड़िया जैसे जिलों में सुबह और रात गहरा कोहरा बने रहने की संभावना है।
• वहीं अरवल, जहानाबाद, औरंगाबाद, गया, रोहतास और कैमूर में तापमान में और गिरावट हो सकती है।
इन इलाकों में अगले दो दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान 8 से 10 डिग्री तक जा सकता है।
लगातार बढ़ती सर्दी के बीच प्रशासन ने अपील की है कि अभिभावक बच्चों को गर्म कपड़े पहनाकर ही भेजें और स्वास्थ्य पर खास ध्यान दें।