Edited By Radhika,Updated: 10 Jul, 2025 10:56 AM

गुरुवार सुबह दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज़ झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। सुबह करीब 9 बजकर 4 मिनट पर आए ये झटके लगभग 10 सेकंड तक महसूस किए गए। दिल्ली के अलावा इससे सटे नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, रोहतक और सोनीपत...
नेशनल डेस्क: गुरुवार सुबह दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज़ झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। सुबह करीब 9 बजकर 4 मिनट पर आए ये झटके लगभग 10 सेकंड तक महसूस किए गए। दिल्ली के अलावा इससे सटे नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, रोहतक और सोनीपत में भी भूकंप आया। भारतीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप का केंद्र हरियाणा के झज्जर इलाके में था और रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.4 मापी गई। झटके महसूस होते ही लोग घबराकर अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए।
भारत में कहाँ आते हैं सबसे ज़्यादा भूकंप?
भारत में सबसे ज़्यादा भूकंप हिमालय पर्वत श्रृंखला और उसके आस-पास के क्षेत्रों में आते हैं। भूवैज्ञानिकों के अनुसार लगभग चार करोड़ साल पहले भारतीय उपमहाद्वीप की यूरेशियाई प्लेट से टक्कर हुई थी, जिससे हिमालय पर्वत का निर्माण हुआ। इस भूगर्भीय गतिविधि के कारण हिमालय हर साल लगभग एक सेंटीमीटर ऊपर उठ रहा है और यही निरंतर हलचल इन क्षेत्रों में भूकंप का मुख्य कारण है। हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, सिक्किम, उत्तराखंड और उत्तर-पश्चिमी राज्य भूकंपीय गतिविधियों के लिए सबसे संवेदनशील माने जाते हैं।
गुजरात और असम भी हैं संवेदनशील क्षेत्र
हिमालयी क्षेत्रों के अलावा, भारत के गुजरात और असम राज्यों में भी भूकंप के तेज़ झटके अक्सर महसूस किए जाते हैं। दिल्ली, मुंबई, उत्तर प्रदेश के पहाड़ी इलाके और बिहार भी भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्रों में आते हैं।

दिल्ली-एनसीआर: उच्च जोखिम वाला भूकंपीय ज़ोन
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र भूकंपीय ज़ोन IV में आता है जिसका अर्थ है कि यहाँ तेज़ भूकंप का खतरा बना रहता है। दिल्ली और पूर्वोत्तर भारत के सभी राज्य भूकंप के लिहाज़ से उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में शामिल हैं।
दिल्ली के संवेदनशील इलाके
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अनुसार दिल्ली में कुछ इलाके विशेष रूप से भूकंप के प्रति संवेदनशील हैं। यदि कोई तेज़ भूकंप आता है, तो पूर्वी दिल्ली, यमुना नदी के किनारे और उसके बाढ़ के मैदानों में सबसे ज़्यादा खतरा रहता है। इसके अतिरिक्त, लुटियंस क्षेत्र (जहाँ संसद भवन स्थित है), दिल्ली विश्वविद्यालय, जनकपुरी, रोहिणी, करोल बाग, उत्तरी परिसर, सरिता विहार, पश्चिम विहार, शकरपुर, गीता कॉलोनी और जनकपुरी जैसे क्षेत्र भी उच्च जोखिम वाले इलाकों में गिने जाते हैं।