पाकिस्तान से क्रिकेट मैच हो सकता है लेकिन श्रद्धालु करतारपुर साहिब मत्था टेकने नहीं जा सकते? सीएम मान का केंद्र पर साधा निशाना

Edited By Updated: 15 Sep, 2025 05:31 PM

there can be a cricket match with pakistan but devotees cannot go to pay obeisan

पंजाबियों की आस्था और गुरुओं से जुड़ी श्रद्धा को केंद्र सरकार जानबूझकर सियासी नजर से देख रही है। भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच को हरी झंडी दी जाती है, मगर वही सरकार श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर और श्री ननकाना साहिब के दर्शन के लिए जाने वाले...

नेशनल डेस्क: पंजाबियों की आस्था और गुरुओं से जुड़ी श्रद्धा को केंद्र सरकार जानबूझकर सियासी नजर से देख रही है। भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच को हरी झंडी दी जाती है, मगर वही सरकार श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर और श्री ननकाना साहिब के दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की राह रोक देती है। ये दोहरा रवैया अब पंजाबियों को चुभने लगा है। क्रिकेट का लाइव मैच हो सकता है, पाकिस्तान को टेलीविजन पर दिखाया जा सकता है, लेकिन श्रद्धा का रास्ता बंद? श्री गुरु नानक देव जी की धरती पर मत्था टेकना कोई राजनीति नहीं, यह पंजाब की आत्मा है। यह विरोध सिर्फ सिखों का नहीं, यह पूरे पंजाब की अस्मिता का प्रश्न है।

कभी फिल्मों को इसलिए रोका जाता है कि उसमें पाकिस्तानी कलाकार हैं, और उसे राष्ट्रविरोधी करार दे दिया जाता है। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान के साथ मैच होता है, और उसे राष्ट्रभक्ति का उत्सव बताया जाता है। जो फिल्म पहले शूट हो चुकी थी उसे रिलीज नहीं होने दिया गया, मगर मैच तो लाइव हो रहा था। क्या पैसा कमाने की चिंता श्रद्धा से बड़ी हो गई?प्रधानमंत्री कहते हैं कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते, फिर क्रिकेट का मैदान क्यों खुला? और श्रद्धालुओं के लिए दरवाजे क्यों बंद कर दिए गए? श्रद्धा के दर पर कोई व्यापार नहीं होता, न ही राजनीति, वहां सिर्फ भक्ति होती है, सेवा होती है।

केंद्र सरकार का ये रवैया पंजाब के लिए अपमानजनक है। श्री करतारपुर साहिब और श्री ननकाना साहिब हमारे तीर्थ हैं, कोई राजनीतिक केंद्र नहीं। हर रोज़ अरदास में हम यही मांगते हैं कि वहां सेवा करने और मत्था टेकने का अवसर मिले और वही रास्ता बंद कर दिया गया।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार के इस फैसले पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं और कहा है कि अगर क्रिकेट हो सकता है तो दर्शन क्यों नहीं? उन्होंने साफ कहा कि यह भावना का सवाल है और सरकारें भावना से नहीं लड़ सकतीं। जब पंजाब बाढ़ से जूझ रहा था, तब केंद्र सरकार ने सिर्फ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मान सरकार ने खुद मैदान में उतरकर राहत कार्यों को अंजाम दिया। 2300 गांवों में सफाई और मेडिकल टीम भेजी गई। बाढ़ उतरने के बाद हर गली में मान सरकार की मौजूदगी ने दिखा दिया कि कौन वाकई जनता के साथ खड़ा है।

अफगानिस्तान में संकट आते ही मदद भेजी जाती है, लेकिन पंजाब को राहत के नाम पर सिर्फ आश्वासन। ₹1600 करोड़ की घोषणा की गई, मगर आज तक ₹1 भी पंजाब को नहीं मिला। मुख्यमंत्री ने साफ कहा, यह दुश्मनी किस बात की है? क्या इसलिए कि पंजाब सरकार आपके इशारे पर नहीं चलती? सुनील जाखड़ और रवनीत बिट्टू समेत अन्य बीजेपी नेताओं से मुख्यमंत्री ने कहा है कि अगर उनमें हिम्मत है, तो प्रधानमंत्री से पूछें कि करतारपुर साहिब कॉरिडोर और श्री ननकाना साहिब के दर्शन पर पाबंदी क्यों? क्रिकेट खेला जा सकता है, लेकिन श्रद्धालुओं को गुरु के दर पर मत्था टेकने की इजाजत नहीं?

केंद्र सरकार पंजाब से बदला ले रही है। ऐसा लगता है जैसे अगर यह सरकार इनके मुताबिक नहीं चले, तो उसे सज़ा दी जाती है, मदद रोकी जाती है, विकास योजनाओं में अड़चन डाली जाती है, और अब श्रद्धा के रास्ते भी बंद कर दिए जाते हैं। पंजाब की ज़मीन वो है जिसने भगत सिंह, करतार सिंह सराभा जैसे शहीद दिए हैं। यह धरती कभी झुकती नहीं, जब भी संकट आया है, पंजाब उठा है और पहले से ज्यादा मज़बूती से खड़ा हुआ है। पंजाबियों की श्रद्धा को मत ललकारिए। श्री करतारपुर साहिब और श्री ननकाना साहिब कोई समझौते की ज़मीन नहीं, बल्कि हमारे दिल का हिस्सा हैं। क्रिकेट इंतज़ार कर सकता है, राजनीति भी, लेकिन भक्ति नहीं।

पंजाब सरकार ने फिर से साफ कर दिया है, यह सरकार सिर्फ भाषण नहीं देती, ज़मीन पर सेवा करती है। यही फर्क है, जब सरकार आम आदमी की होती है। यही वजह है कि आज हर पंजाबी कह रहा है, ए सरकार नहीं, साडे वर्गी है...काम दी है, ते जमीन ते खड़ी है।

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