इस बड़े एक्टर ने BJP में वापसी का किया ऐलान, अमित शाह और जेपी नड्डा से की मुलाकात

Edited By Updated: 01 Oct, 2025 01:05 PM

this big actor announced his return to bjp met amit shah and jp nadda

भोजपुरी स्टार पवन सिंह फिर से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में लौट आए हैं। उनकी वापसी का ऐलान उपेंद्र कुशवाहा के समर्थन के बाद हुआ। पवन सिंह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के लिए सक्रिय रहेंगे। बिहार की राजनीति में जातीय समीकरण महत्वपूर्ण हैं,...

नेशनल डेस्क : भोजपुरी सिनेमा के स्टार पवन सिंह अब फिर से भारतीय जनता पार्टी (BJP) में लौट आए हैं। उनकी वापसी का ऐलान केंद्रीय मंत्री और RLM प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के साथ मुलाकात के बाद हुआ। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और बिहार प्रभारी विनोद तावड़े ने कहा कि पवन सिंह पार्टी में ही सक्रिय रहेंगे और आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में NDA के लिए काम करेंगे।

बीजेपी में वापसी के लिए कुशवाहा का समर्थन जरूरी

पवन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा के बाद गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की। उन्होंने सोशल मीडिया पर इन मुलाकातों की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा कि उन्हें दिल से आशीर्वाद मिला।

पवन सिंह की बीजेपी में वापसी के लिए कुशवाहा का समर्थन इसलिए जरूरी था क्योंकि बिहार की राजनीति जातीय समीकरण पर आधारित है। उपेंद्र कुशवाहा कोइरी जाति के बड़े नेता हैं, जिनकी आबादी बिहार में करीब 4.27% है। कोइरी-कुर्मी यानी लव-कुश समीकरण बिहार में करीब 50 विधानसभा सीटों पर चुनाव परिणाम तय करने में अहम भूमिका निभाता है।

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पिछली राजनीति और बीजेपी का रणनीतिक कदम

2024 के लोकसभा चुनाव में पवन सिंह के कारण उपेंद्र कुशवाहा को नुकसान उठाना पड़ा था। पवन सिंह को मनपसंद सीट न मिलने और निर्दलीय उम्मीदवार बनने से कुशवाहा वर्ग नाराज हुआ था। इसके बाद बीजेपी ने पवन को छह साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया था और कुशवाहा को राज्यसभा भेजा था।

अब पवन सिंह की वापसी से बीजेपी ने यह संदेश दिया है कि पार्टी अपने नेताओं और सहयोगी दलों का सम्मान करती है और जातीय संतुलन बनाए रखने के लिए कदम उठा रही है।

बिहार की सियासत में लव-कुश समीकरण

बिहार में कुर्मी और कोइरी जाति के वोटों पर राजनीति निर्भर है। बीजेपी ने हाल के चुनावों और संगठनात्मक बदलावों में धर्मेंद्र प्रधान, केशव प्रसाद मौर्य और सीआर पाटिल को अहम जिम्मेदारी देकर जातीय संतुलन बनाए रखा है। कुशवाहा और कुर्मी वोटों पर फोकस करके ही बीजेपी नीतीश कुमार के बाद बिहार में अपनी स्थिति मजबूत करने की तैयारी कर रही है।

 

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