Edited By Pardeep,Updated: 31 Jul, 2025 05:55 AM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 अगस्त से भारत से आने वाले कई उत्पादों पर 25% आयात शुल्क (इंपोर्ट टैरिफ) लगाने का ऐलान किया है। यह फैसला भारत के लिए आर्थिक झटका माना जा रहा है। इससे भारत का एक्सपोर्ट (निर्यात) प्रभावित होगा, और अमेरिका में भी...
नई दिल्लीः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 अगस्त से भारत से आने वाले कई उत्पादों पर 25% आयात शुल्क (इंपोर्ट टैरिफ) लगाने का ऐलान किया है। यह फैसला भारत के लिए आर्थिक झटका माना जा रहा है। इससे भारत का एक्सपोर्ट (निर्यात) प्रभावित होगा, और अमेरिका में भी कई सामान महंगे हो जाएंगे।
भारत-अमेरिका व्यापार पर असर
भारत और अमेरिका के बीच हर साल लगभग 130 अरब डॉलर का व्यापार होता है। इसमें भारत को लगभग 40 अरब डॉलर का फायदा (ट्रेड सरप्लस) होता है। लेकिन ट्रंप के टैरिफ के फैसले से यह समीकरण बिगड़ सकता है।
टैरिफ का असर दोनों देशों पर पड़ेगा —
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भारत को नुकसान होगा, क्योंकि उसका निर्यात महंगा हो जाएगा।
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अमेरिकी ग्राहकों को भारतीय उत्पादों के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी।
क्या-क्या चीजें होंगी महंगी अमेरिका में?
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गहने और रत्न (Jewellery & Gems)
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अमेरिका भारत का सबसे बड़ा ग्राहक है इस सेक्टर में।
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डायमंड, सोने के गहने, रत्न अब 25% महंगे हो सकते हैं।
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यह इंडस्ट्री 8.5 अरब डॉलर की है।
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कपड़े और रेडीमेड गारमेंट्स
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ऑटो पार्ट्स
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भारत से अमेरिका को भेजे जाने वाले ब्रेक, इंजन, वायरिंग जैसे ऑटो पार्ट्स अब महंगे होंगे।
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इससे अमेरिका में कार रिपेयर और मैन्युफैक्चरिंग पर भी असर पड़ेगा।
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iPhone और इलेक्ट्रॉनिक्स
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अप्रैल-जून 2025 में भारत से अमेरिका को 5 अरब डॉलर के iPhones भेजे गए।
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iPhone 17 Pro Max जैसे मॉडल की कीमत अब अमेरिका में $2,300 (₹1.9 लाख) तक जा सकती है।
भारत को क्या-क्या नुकसान हो सकता है?
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टेक्सटाइल और गारमेंट इंडस्ट्री
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जेम्स एंड ज्वेलरी सेक्टर
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मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां
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Tata Motors और Bharat Forge जैसी बड़ी कंपनियों में ले-ऑफ (नौकरी कटौती) की आशंका।
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इलेक्ट्रॉनिक्स और सोलर पैनल बनाने वाली कंपनियां पहले से ही कम मुनाफे पर चल रही थीं, अब हालात और बिगड़ सकते हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया क्या है?
भारत सरकार ने अमेरिकी फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह स्थिति का विश्लेषण कर रही है और राष्ट्रीय हित की रक्षा के लिए हर कदम उठाएगी।
वाणिज्य मंत्रालय ने बयान में कहा:“भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही थी। हम एक संतुलित और न्यायसंगत डील के पक्ष में हैं, लेकिन किसानों, लघु उद्योगों और घरेलू उत्पादकों के हितों से कोई समझौता नहीं होगा।”
अब आगे क्या?
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अमेरिका के इस फैसले से दोनों देशों के रिश्ते पर असर पड़ सकता है।
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भारत को अब नई रणनीति बनानी होगी, ताकि निर्यात पर असर कम हो।
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सरकार को घरेलू उद्योगों को राहत देने के लिए सब्सिडी, टैक्स छूट जैसे कदम उठाने पड़ सकते हैं।
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अमेरिका में भी कई ग्राहक और कंपनियां इन बढ़ी कीमतों से परेशान होंगी।