Edited By Pardeep,Updated: 11 Dec, 2025 05:57 AM

वृंदावन के प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य की मुश्किलें बढ़ गई हैं। महिलाओं पर की गई कथित अभद्र टिप्पणी को लेकर अब उनके खिलाफ अदालत ने औपचारिक रूप से परिवाद (कंप्लेंट केस) दर्ज कर लिया है।
नेशनल डेस्कः वृंदावन के प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य की मुश्किलें बढ़ गई हैं। महिलाओं पर की गई कथित अभद्र टिप्पणी को लेकर अब उनके खिलाफ अदालत ने औपचारिक रूप से परिवाद (कंप्लेंट केस) दर्ज कर लिया है।
यह मामला तब शुरू हुआ जब अखिल भारतीय हिंदू महासभा, आगरा की जिला अध्यक्ष मीरा राठौर ने कोर्ट में एक याचिका दाखिल की। उन्होंने आरोप लगाया कि अनिरुद्धाचार्य ने सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में महिलाओं, खासकर बेटियों, के बारे में बेहद आपत्तिजनक और अपमानजनक टिप्पणी की थी।
क्या कहा था अनिरुद्धाचार्य ने?
अक्टूबर में वायरल हुए वीडियो में अनिरुद्धाचार्य ने कथित रूप से कहा था— "आजकल बेटियों की शादी 25 साल में होती है, तब तक वे कई जगह मुंह मार चुकी होती हैं।" यह बयान सामने आते ही सोशल मीडिया पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया। कई संगठनों और महिलाओं ने इस टिप्पणी का विरोध किया और इसे महिलाओं का अपमान बताया।
विवाद बढ़ने पर मामले की शिकायत थाना वृंदावन कोतवाली में भी दी गई थी, पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। इसके बाद मीरा राठौर ने कोर्ट का रुख किया। अब सीजेएम कोर्ट ने उनकी याचिका स्वीकार की है और अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ परिवाद दर्ज कर लिया है। मामले में 1 जनवरी को कोर्ट में वादी (मीरा राठौर) के बयान दर्ज किए जाएंगे।
मीरा राठौर की कसम—मुकदमा दर्ज होने तक नहीं बांधेंगी बाल
मीरा राठौर ने भावनात्मक रूप से कहा: साधु-संतों को ऐसे शब्द नहीं शोभा देते। थाने ने शिकायत पर कार्रवाई नहीं की, इसलिए कोर्ट जाना पड़ा। जब मैंने याचिका दाखिल की, उसी दिन मैंने कसम खाई कि मुकदमा दर्ज होने तक चोटी नहीं बांधूंगी।
अब उनका कहना है कि अदालत द्वारा परिवाद दर्ज कर लिया गया है, इसलिए शायद अब चोटी बांधने का समय आ गया है।
अनिरुद्धाचार्य ने अपनी सफाई में क्या कहा था?
विवाद के बाद जब उनसे इस बयान पर पूछा गया, तो अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। उन्होंने पुरुष और स्त्री दोनों पर समान टिप्पणी की थी। उनका कहना था कि अगर स्त्री कई पुरुषों से संबंध रखे तो वह चरित्रवान नहीं, और अगर पुरुष ऐसा करे तो वह व्याभिचारी कहलाएगा। उनकी बात को गलत अर्थ देकर फैलाया गया।
अब आगे क्या?
अदालत अगली सुनवाई में वादी के बयान दर्ज करेगी। इसके आधार पर तय होगा कि अनिरुद्धाचार्य पर औपचारिक FIR होगी या नहीं। मामला महिलाओं के सम्मान, धार्मिक उपदेशकों की जिम्मेदारी और अभिव्यक्ति की मर्यादा पर फिर से बहस खड़ी कर रहा है।