Edited By Anil dev,Updated: 19 Aug, 2019 11:17 AM
उत्तराखंड के अधिकतर स्थानों पर पिछले 24 घंटों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण कई जगह बादल फटने तथा भूस्खलन होने से तीन व्यक्तियों की मौत हो गई जबकि 22 अन्य लापता हो गए। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के दुचाणू, टिकोची, माकुली और स्नेल गांव में बादल...
नई दिल्ली: उत्तराखंड के अधिकतर स्थानों पर पिछले 24 घंटों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण कई जगह बादल फटने तथा भूस्खलन होने से तीन व्यक्तियों की मौत हो गई जबकि 22 अन्य लापता हो गए। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के दुचाणू, टिकोची, माकुली और स्नेल गांव में बादल फटने से टौंस नदी उफान पर आ गई। उसके बाद जो हुआ उसने 2013 में आई केदारनाथ आपदा की याद दिला दी।
चारधाम यात्रा मार्ग पर भी कई स्थानों पर भूस्खलन होने से यात्रा अवरूद्ध हो गई। केदारनाथ यात्रा पैदल मार्ग पर मंदाकिनी नदी पर बना एक पुल क्षतिग्रस्त हो गया है जिसके चलते उसे बीच में ही रोकना पड़ा।
इसी प्रकार बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर भी कई जगह भूस्खलन होने से यातायात अवरूद्ध है। हांलांकि, प्रशासन का कहना है कि इससे चारधाम यात्रा पर केवल आंशिक प्रभाव पड़ा है।
कैलाश-मानसरोवर यात्रा मार्ग भी भूस्खलन का मलबा आ जाने के कारण प्रभावित हुआ है तथा तीर्थयात्रियों को सुरक्षित जगह पर ले जाया जा रहा है। देहरादून के मालदेवता क्षेत्र में भारी बारिश के चलते एक कार बरसाती नदी में गिर गई जिसमें एक महिला बह गई।
नालों के उफान का पानी समाने के बाद उत्तराखंड और हिमाचल की सीमा पर बहने वाली पावर नदी ने भी रौद्ररूप ले लिया। इसकी लहरें त्यूणी बाजार तक पहुंचने के मद्देनजर यहां सौ से ज्यादा दुकानों को खाली करा दिया गया है।
प्रभावित इलाकों में संचार नेटवर्क ध्वस्त हो रखा है। अल्मोड़ा जिले के सीमावर्ती इलाके में रामनगर से गैरसैंण जा रही एक यात्री बस बरसाती नाले के उफान में करीब 20 मीटर तक बही।