Edited By Anu Malhotra,Updated: 02 Dec, 2025 11:31 AM

दिल की बीमारियों पर तमाम बातें होती हैं, लेकिन एक ‘छोटा सा विटामिन’ चुपचाप दिल को नुकसान पहुंचा रहा है और किसी को पता तक नहीं चलता. बता दें कि विटामिन K2 की कमी से आर्टरीज के अंदर कैल्शियम जमने लगता है, और यही धीरे-धीरे हार्ट अटैक की सबसे खतरनाक वजह...
Vitamin k2 deficiency: दिल की बीमारियों पर तमाम बातें होती हैं, लेकिन एक ‘छोटा सा विटामिन’ चुपचाप दिल को नुकसान पहुंचा रहा है और किसी को पता तक नहीं चलता. बता दें कि विटामिन K2 की कमी से आर्टरीज के अंदर कैल्शियम जमने लगता है, और यही धीरे-धीरे हार्ट अटैक की सबसे खतरनाक वजह बन रहा है.
आर्टरीज क्यों बंद होने लगती हैं
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि शरीर में एक महत्वपूर्ण प्रोटीन Matrix Gla Protein (MGP) को सक्रिय करने का काम विटामिन K2 करता है. इसका काम सीधा है—कैल्शियम को हड्डियों में भेजना और आर्टरीज में रुकने से रोकना. इस बीच जब K2 की कमी होती है, तो यही प्रोटीन सुस्त पड़ जाता है और कैल्शियम गलत जगह जमा होकर ब्लड वेसल्स को सख्त बनाने लगता है। “अगर कैल्शियम का फ्लो सही दिशा में न जाए, तो दिल की बीमारी सिर्फ समय की बात रह जाती है,” एक कार्डियोलॉजिस्ट का साफ कहना है. हालांकि कई लोग इसे तब तक महसूस ही नहीं करते जब तक नुकसान बड़ा न हो जाए।
K2 की कमी से बढ़ती समस्याएं
डॉक्टरों के अनुसार, K2 की कमी का असर कई हिस्सों में दिखता है। एक वरिष्ठ ऑर्थोपेडिक के शब्दों में, “विटामिन K2 के बिना कैल्शियम हड्डियों तक नहीं पहुंचता, इसलिए फ्रैक्चर का खतरा दोगुना हो जाता है.” इतिहास देखें तो पहले खाने में फर्मेंटेड फूड्स ज्यादा होते थे—और यही K2 का प्राकृतिक स्रोत हैं. लेकिन आज की मॉडर्न डाइट में ये पूरी तरह गायब हो चुके हैं, जिससे शरीर चुपचाप K2 डिफिशिएंसी की ओर बढ़ रहा है.
क्यों बढ़ रही है यह ‘साइलेंट’ कमी
आज ज्यादातर लोग नट्टो, किण्वित चीज़, अंडे की जर्दी और ऑर्गेनिक मीट जैसे फूड्स कम खा रहे हैं. इसी वजह से K2 का नैचुरल सोर्स लगभग खत्म होता जा रहा है. एक न्यूट्रिशन एक्सपर्ट का कहना है, “K2 की कमी शरीर में धीरे-धीरे नुकसान करती है और मरीज को तभी पता चलता है जब हालत बिगड़ चुकी होती है.” इस बीच डॉक्टरों ने अब inactive MGP की जांच को इस कमी को पकड़ने का सबसे विश्वसनीय तरीका बताया है।
कमी कैसे पूरी करें
बता दें कि K2 की कमी को भरना मुश्किल नहीं है।
खाने में अंडे, मीट, पुराना चीज़, नट्टो और अन्य फर्मेंटेड फूड्स जोड़ने से इसकी मात्रा तेज़ी से बढ़ती है।
कई विशेषज्ञ सुझाते हैं, MK-7 फॉर्म के 100–200 माइक्रोग्राम सप्लीमेंट को रोजाना D3 के साथ लें, इससे कैल्शियम सही जगह पहुंचेगा और आर्टरीज सुरक्षित रहेंगी। हालांकि राहत की बात यह है कि विटामिन K2 बेहद सुरक्षित माना जाता है और इसके कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं पाए गए हैं।