Edited By Anu Malhotra,Updated: 06 Dec, 2025 07:41 AM

एक ओर स्कूलों में परीक्षा का तनाव, दूसरी ओर बच्चों के बढ़ते स्वास्थ्य जोखिम… लखनऊ में शुक्रवार को एक ऐसी घटना सामने आई जिसने हर अभिभावक को झकझोर कर रख दिया। मोंटफोर्ट इंटर कॉलेज में छठी कक्षा का एक छात्र अचानक बेहोश होकर गिर पड़ा और कुछ ही मिनटों...
नेशनल डेस्क: एक ओर स्कूलों में परीक्षा का तनाव, दूसरी ओर बच्चों के बढ़ते स्वास्थ्य जोखिम… लखनऊ में शुक्रवार को एक ऐसी घटना सामने आई जिसने हर अभिभावक को झकझोर कर रख दिया। मोंटफोर्ट इंटर कॉलेज में छठी कक्षा का एक छात्र अचानक बेहोश होकर गिर पड़ा और कुछ ही मिनटों में उसकी जान चली गई। डॉक्टरों का कहना है कि यह मामला संभवतः कार्डियक अरेस्ट का हो सकता है, हालांकि अंतिम पुष्टि पोस्टमार्टम से होगी।
Exam Hall में मिनटों में बिगड़ी हालत
करीब 10:45 बजे जब बच्चे परीक्षा में लिखने में व्यस्त थे, तभी 11 वर्षीय अमेय सिंह (आरव) अचानक कुर्सी से नीचे गिर पड़ा। उसके गिरते ही कक्षा में अफरा-तफरी मच गई। शिक्षक तुरंत उसकी ओर दौड़े, लेकिन बच्चे की कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल रही थी। स्थिति गंभीर देखते हुए स्कूल प्रशासन ने तत्काल एंबुलेंस बुलवाई।
अस्पताल में आधे घंटे तक चली जिंदगी की जद्दोजहद
बच्चे को करीब 11:05 बजे भाऊराव देवरस अस्पताल लाया गया। मेडिकल टीम ने लगातार CPR और अन्य जीवनरक्षक प्रक्रियाएं अपनाईं। लगभग 30 मिनट तक लगातार कोशिशों के बाद भी डॉक्टर उसे वापस जीवन में नहीं ला सके। प्राथमिक जांच में इसे हार्ट का रुकना बताया गया, हालांकि कारण अभी स्पष्ट नहीं है।
परिवार हुआ बदहवास, माहौल हुआ गमगीन
जैसे ही घटना की जानकारी उसके माता-पिता तक पहुंची, पूरा परिवार अस्पताल दौड़ा। मां की हालत रो-रोकर बिगड़ गई और अस्पताल कर्मचारी भी भावुक हो उठे। कुछ ही मिनटों में परीक्षा देने आए बच्चों और स्टाफ के चेहरों पर मातम छा गया।
स्कूल ने दिनभर की परीक्षाएं रोकीं, बच्चों की काउंसलिंग शुरू
इस दर्दनाक घटना के बाद स्कूल प्रशासन ने तुरंत दिनभर की परीक्षाएं स्थगित कर दीं। कई छात्र घटना के गवाह बने, जिसके बाद उन्हें मानसिक रूप से सामान्य करने के लिए काउंसलिंग सत्र आयोजित किए गए।
कम उम्र में बढ़ते कार्डियक मामलों पर विशेषज्ञ चिंतित
पिछले कुछ महीनों में कम उम्र के बच्चों में अचानक दिल रुकने जैसे मामलों में वृद्धि देखी गई है। डॉक्टर मानते हैं कि मानसिक दबाव, लाइफस्टाइल, खराब भोजन आदतें, बढ़ता स्क्रीन टाइम और कभी-कभार जेनेटिक कारण ऐसी घटनाओं के पीछे हो सकते हैं।