Edited By Utsav Singh,Updated: 17 Jul, 2024 05:39 PM

सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में एक कपल के तलाक को मंजूर किया है, जिसके लिए वे 22 साल से लंबे समय से कोर्ट के चक्कर लगा रहे थे। यह जोड़ा शादी के बाद सिर्फ 43 दिन ही साथ रहा और फिर अलग हो गया था। पति और पत्नी दोनों मेडिकल पेशेवर हैं।
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में एक कपल के तलाक को मंजूर किया है, जिसके लिए वे 22 साल से लंबे समय से कोर्ट के चक्कर लगा रहे थे। यह जोड़ा शादी के बाद सिर्फ 43 दिन ही साथ रहा और फिर अलग हो गया था। पति और पत्नी दोनों मेडिकल पेशेवर हैं। कपल ने 2002 में विवाह किया था, और उसी साल के मार्च में पत्नी अपने मायके चली गई थी। 2005 में कोर्ट ने इस मामले का समाधान करने के लिए 20 दिन का समय दिया था, लेकिन रिश्ते में कोई सुधार नहीं हुआ। उसके बाद, दोनों अलग हो गए और अपने-अपने जीवन की ओर बढ़ गए।
सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत इस तलाक के मामले में अपने स्पेशल पावर का इस्तेमाल करते हुए तलाक के आदेश को मंजूर किया। कोर्ट ने यह भी देखा कि कपल दोनों वित्तीय रूप से स्वतंत्र हैं और उनकी अलगाव के पीछे व्यक्तिगत मामले थे, जिसके लिए कोर्ट ने पत्नी को गुजारा भत्ता देने से इनकार किया। कपल के बीच कई कानूनी लड़ाइयां हुईं और लंबे समय तक अलग रहने की अवधि से सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में विवाह के पूर्ण टूटने का निर्णय लिया। पत्नी ने कोर्ट में दावा दिया था कि उन्होंने सुलह करने की कोशिश की थी, लेकिन कोर्ट ने उस दावे को स्वीकार नहीं किया।
इस बात पर सुप्रीम कोर्ट के जज ने बताया कि 22 वर्षों के दरमियान महिला के पास अपने पति के साथ सुलह करने के लिए पर्याप्त अवसर थे। वहीं पति ने महिला के दावे को खारिज करते हुए दलील कि वह इस केस को और लंबा खींचने के लिए कोर्ट में इस तरह के दावे कर रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पति की दलील को स्वीकार किया और अनुच्छेद 142 के तहत स्पेशल पावर का इस्तेमाल करते हए कोर्ट ने उनके तलाक को मंजूरी दे दी।