Edited By Mehak,Updated: 16 Dec, 2025 05:20 PM

अगर आप 2026 की शुरुआत में लग्जरी कार खरीदने का प्लान कर रहे हैं, तो जल्दी करें। Mercedes-Benz और BMW 1 जनवरी 2026 से अपने मॉडल्स की कीमतों में 2-3% तक बढ़ोतरी करने जा रही हैं। इसका कारण भारतीय रुपये की कमजोरी और बढ़ी हुई आयात लागत है। Mercedes-Benz...
नेशनल डेस्क : अगर आप नए साल 2026 की शुरुआत में लग्जरी कार खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए अहम है। भारत में प्रीमियम कार सेगमेंट की दो बड़ी कंपनियों Mercedes-Benz और BMW ने अपनी कारों की कीमतें बढ़ाने का फैसला किया है। दोनों कंपनियां 1 जनवरी 2026 से अपने अलग-अलग मॉडल्स की कीमतों में 2 से 3 फीसदी तक इजाफा करेंगी। सितंबर 2025 में GST कटौती के बाद यह पहली बार है जब इन लग्जरी कारों के दाम बढ़ाए जा रहे हैं।
क्यों बढ़ रहे हैं लग्जरी कारों के दाम
कंपनियों का कहना है कि कीमतों में बढ़ोतरी की मुख्य वजह भारतीय रुपये की कमजोरी है। यूरो के मुकाबले रुपया लंबे समय से कमजोर बना हुआ है, जिससे आयात की लागत बढ़ गई है। Mercedes-Benz ने बताया कि उसने कीमतों में बढ़ोतरी को करीब 2 फीसदी तक सीमित रखने की कोशिश की है। वहीं बाजार से जुड़ी रिपोर्ट्स के मुताबिक BMW अपने मॉडल्स के दाम लगभग 3 फीसदी तक बढ़ा सकती है।
रुपये की कमजोरी का सीधा असर
साल 2025 के दौरान यूरो के मुकाबले रुपया लंबे समय तक 100 के स्तर से ऊपर रहा। इससे पहले Mercedes-Benz ने सितंबर 2025 में भी 1 से 1.5 फीसदी तक कीमतें बढ़ाई थीं। कंपनियों के अनुसार, कमजोर मुद्रा की वजह से सप्लाई चेन पर दबाव बढ़ा है। भारत में जो कारें पूरी तरह आयात होती हैं या जिनमें विदेशी पार्ट्स का इस्तेमाल होता है, उनकी लागत काफी बढ़ गई है।
Mercedes-Benz की फेस्टिव सीजन में अच्छी बिक्री
कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद Mercedes-Benz के लिए 2025 का फेस्टिव सीजन मजबूत रहा। नवरात्रि के 9 दिनों में कंपनी ने करीब 2,500 कारें बेचीं, जिनकी औसत कीमत लगभग 1 करोड़ रुपये रही। हालांकि इसके बाद नवंबर महीने में बिक्री थोड़ी धीमी रही। अक्टूबर और नवंबर को मिलाकर कंपनी ने कुल 3,396 यूनिट्स बेचीं, जो पिछले साल के लगभग बराबर रही।
BMW की बिक्री में इजाफा
BMW के लिए अक्टूबर और नवंबर 2025 का समय बेहतर साबित हुआ। इस दौरान कंपनी की बिक्री में करीब 6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और कुल 2,849 यूनिट्स की बिक्री दर्ज की गई। ये आंकड़े ऑटो डीलर्स से जुड़े संगठन के डेटा पर आधारित हैं।
आगे और महंगी हो सकती हैं कारें
रुपये की कमजोरी सिर्फ यूरो ही नहीं, बल्कि डॉलर और चीनी युआन के मुकाबले भी देखने को मिली है। इससे इलेक्ट्रिक कारों की बैटरी और खास मैग्नेट जैसे जरूरी पार्ट्स की लागत बढ़ सकती है, जिनकी सप्लाई अधिकतर चीन से होती है। इसका असर आने वाले महीनों में कारों की कीमतों पर और पड़ सकता है। ऐसे में अगर आप Mercedes-Benz या BMW की लग्जरी कार खरीदने का मन बना रहे हैं, तो 1 जनवरी 2026 से पहले खरीदारी करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।