Edited By Mansa Devi,Updated: 16 Nov, 2025 08:42 PM

दिल्ली-NCR सहित कई शहरों में प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक ज़ोन में बना हुआ है। सर्दियों में हवा भारी हो जाने और ठंड के कारण धुंध नीचे जम जाती है, जिससे प्रदूषित कण वातावरण में लंबे समय तक तैरते रहते हैं। इसका सीधा असर लोगों की सेहत पर पड़ता है...
नेशनल डेस्क: दिल्ली-NCR सहित कई शहरों में प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक ज़ोन में बना हुआ है। सर्दियों में हवा भारी हो जाने और ठंड के कारण धुंध नीचे जम जाती है, जिससे प्रदूषित कण वातावरण में लंबे समय तक तैरते रहते हैं। इसका सीधा असर लोगों की सेहत पर पड़ता है खासकर दिल पर। बढ़ते पॉल्यूशन की वजह से सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और एलर्जी के अलावा हार्ट अटैक का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है।
कैसे बढ़ता है दिल का खतरा?
हवा में मौजूद PM2.5 और PM10 जैसे बेहद महीन कण फेफड़ों से होते हुए सीधे रक्त प्रवाह में पहुंच जाते हैं। ये कण ब्लड वेसल्स की अंदरूनी दीवारों में सूजन पैदा करते हैं, जिससे नसें सिकुड़ने लगती हैं और खून का बहाव बाधित होता है। इसके कारण—
दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है
➤ ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है
➤ शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है
➤ हार्ट की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं
जो लोग पहले से हार्ट, अस्थमा, डायबिटीज या हाई बीपी के मरीज हैं, उनके लिए प्रदूषण के दिन और अधिक खतरनाक साबित होते हैं।
डॉक्टर का चेतावनी भरा बयान
राजीव गांधी हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अजीत जैन बताते हैं कि प्रदूषित हवा में मौजूद जहरीले तत्व ब्लड वेसल्स को अंदर से नुकसान पहुंचाते हैं। इससे खून गाढ़ा होने लगता है और प्लेटलेट्स अधिक सक्रिय हो जाते हैं। यही स्थिति आगे चलकर अचानक ब्लॉकेज और हार्ट अटैक की वजह बन सकती है।
किन लक्षणों को हल्के में न लें?
प्रदूषण के दिनों में अगर ये संकेत दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है—
➤ छाती में दर्द या भारीपन
➤ अचानक सांस चढ़ना
➤ बेचैनी
➤ कंधे, जबड़े या बांह में दर्द
➤ चक्कर आना
➤ अनियमित या तेज धड़कन
➤ अत्यधिक थकान
हार्ट मरीजों की हालत इन दिनों और बिगड़ सकती है, इसलिए किसी भी लक्षण की अनदेखी खतरनाक हो सकती है।
प्रदूषण के दौरान हार्ट को सुरक्षित कैसे रखें?
दिल की सुरक्षा के लिए विशेषज्ञ कुछ महत्वपूर्ण उपाय बताते हैं—
➤ बाहर निकलते समय N95 मास्क जरूर पहनें
➤ सुबह और शाम जब स्मॉग ज्यादा हो, उस समय वॉक/व्यायाम से बचें
➤ घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें
➤ ज्यादा पानी पिएं ताकि शरीर डिटॉक्स होता रहे
➤ सब्जियां, फल और फाइबर युक्त आहार लें
➤ ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की नियमित जांच कराते रहें
➤ धूम्रपान और शराब से दूरी बनाए रखें
➤ किसी भी लक्षण पर तुरंत विशेषज्ञ की सलाह लें