दो बेटों की हत्या के सदमे से महिला की मौत, SSP कार्यालय के बाहर शव रखकर विरोध-प्रदर्शन

Edited By Pardeep,Updated: 11 Nov, 2024 10:22 PM

woman dies due to shock of killing of two sons

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के भुता थाना क्षेत्र में एक महिला अपने बेटे की हत्या का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सकी और सोमवार को हफ्ते भर के भीतर ही उसकी मौत हो गई। शोकग्रस्त परिजनों ने बरेली में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कार्यालय के बाहर महिला का शव...

नेशनल डेस्कः उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के भुता थाना क्षेत्र में एक महिला अपने बेटे की हत्या का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सकी और सोमवार को हफ्ते भर के भीतर ही उसकी मौत हो गई। शोकग्रस्त परिजनों ने बरेली में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कार्यालय के बाहर महिला का शव रखकर विरोध-प्रदर्शन किया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि तीन वर्ष पहले भी इस महिला के एक बेटे की हत्या कर दी गई थी। 

पुलिस के अनुसार, पिछले मंगलवार को भुता थाना क्षेत्र में बीसलपुर रोड पर पुष्पेंद्र (40) की बाइक सवार तीन बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। उसने बताया कि घटना के हफ्ते भर के भीतर पुष्पेंद्र की मां नारायणी देवी (65) की भी मौत हो गई। लोगों ने बताया कि तीन वर्ष पहले 2021 में भी नारायणी देवी के एक बेटे की हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि पहले से ही एक बेटे की हत्या से आहत नारायणी देवी दूसरे बेटे की हत्या का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सकी और उसने सोमवार को दम तोड़ दिया। 

नारायणी देवी की मौत के बाद शोकग्रस्त परिजनों ने बरेली में एसएसपी कार्यालय के बाहर उसका शव रखकर विरोध-प्रदर्शन किया और पुष्पेंद्र की हत्या मामले के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। परिजनों ने जोर देकर कहा कि वे तब तक शव नहीं हटाएंगे, जब तक कि पुष्पेंद्र की हत्या के सभी आरोपियों को पकड़ नहीं लिया जाता। पुष्पेंद्र की पत्नी संगीता ने कहा, "मेरी सास पूरी रात रोती रहीं और सुबह मृत पाई गईं। वह अपने बेटे की हत्या से अवसाद में चली गई थीं और उनकी मौत इसी सदमे की वजह से हुई।'' 

बरेली के पुलिस अधीक्षक (शहर) मानुष पारीक ने कहा कि एसएसपी अनुराग आर्य ने मृतका के परिजनों से बात की और उन्हें बाकी आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने का भरोसा दिलाया। पारीक ने बताया काफी समझाने के बाद परिजन शव को अपने साथ लेकर जाने को राजी हो गए। उन्होंने कहा कि तीन संदिग्धों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि सात अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है। 

पुलिस के मुताबिक, तीनों संदिग्धों ने पूछताछ में कबूल किया है कि पुष्पेंद्र उनके खिलाफ दर्ज दो मुकदमों में गवाह था और इनमें से एक हत्या के मामले में सजा होने के डर से उन्होंने हिस्ट्रीशीटर पूरन लाल के घर में बैठकर पुष्पेंद्र की हत्या की साजिश रची थी। पुलिस ने बताया कि गांव के ही हिस्ट्रीशीटर पूरन लाल की पुष्‍पेंद्र के परिवार से पुरानी रंजिश है, जिसमें वर्ष 2021 में पुष्‍पेंद्र के भाई की हत्या कर दी गई थी। उसने बताया कि पुष्पेंद्र ने भाई की हत्या को लेकर भुता थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस के अनुसार, पूरन लाल का भाई पवन कुमार इस मामले में जेल गया था। उसने बताया कि इस मामले में सभी गवाहों की गवाही पूरी हो चुकी है और सुनवाई अंतिम चरण में है। 

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