Edited By vasudha,Updated: 12 Jan, 2021 02:06 PM
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री स्व. मुफ्ती मोहम्मद सईद की पुत्री डॉ. रूबिया सईद के अपहरण केस और एयरफोर्स कर्मियों की हत्या के मामले में तीस साल बाद फैसला आया है। स्पेशल टाडा कोर्ट ने जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक के...
नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री स्व. मुफ्ती मोहम्मद सईद की पुत्री डॉ. रूबिया सईद के अपहरण केस और एयरफोर्स कर्मियों की हत्या के मामले में तीस साल बाद फैसला आया है। स्पेशल टाडा कोर्ट ने जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक के खिलाफ अपहरण मामले में आरोप तय कर दिए हैं। इस आरोप में यासीन मलिक, अली मोहम्मद मीर, मोहम्मद ज़मान मीर, इकबाल अहमद गैंडरू, जावेद अहमद मीर, मोहम्मद रफीक पहलु उर्फ नाना जी आलिया सलीम, मंजूर अहमद सोफी, वजाहत बशीर, मेहराज-उद-दीन शेख और शोकात अहमद बख्शी का नाम शामिल है।
1989 में हुआ था रूबिया का अपहरण
रूबिया सईद तब के गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी हैं, जिनका साल 1989 में अपहरण किया गया था। दरअसल रूबिया सईद एक बस से श्रीनगर से नौगाम स्थित अपने घर जा रही थी, तभी अज्ञात बंदूकधारियों ने उसका अपहरण कर लिया था। यह किडनैपिंग सरकार पर प्रेशर डालने के लिए थी. ताकि 5 आतंकवादियों को छुड़वाया जा सके। दबाव में सरकार को ऐसा करना भी पड़ा था। इसके बाद सीबीआई को इस मामले की जांच सौंपी गई।
यासीन ने 1994 में छोड़ा आतंकवाद का रास्ता
जांच पूरी होने के बाद 18 सितंबर 1990 को जम्मू की टाडा कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया गया। इस अपहरण कांड में यासीन मलिक के भी शामिल होने के आरोप लगे, उन पर विशेष टाडा अदालत में मुकदमा भी चल रहा है, जिसमें अब आरोप तय हुए हैं। यासीन मलिक ने 1994 में आतंकवाद का रास्ता छोड़कर राजनीति में एंट्री की थी।