स्वामी विवेकानंद ने पूछे थे रामकृष्ण परमहंस से ये सवाल

Edited By Updated: 19 Sep, 2016 12:25 PM

swami vivekananda ramakrishna paramahamsa

रामकृष्ण परमहंस एक अद्भुत संत थे। उन्हें संत कहना गलत है, क्योंकि वे परमहंस थे। हिंदू धर्म में परमहंस की उपाधि उसे दी जाती है जो समाधि की अंतिम

रामकृष्ण परमहंस एक अद्भुत संत थे। उन्हें संत कहना गलत है, क्योंकि वे परमहंस थे। हिंदू धर्म में परमहंस की उपाधि उसे दी जाती है जो समाधि की अंतिम अवस्था में होता है। रामकृष्ण परमहंस ने दुनिया के सभी धर्मों के अनुसार साधना करके उस परम तत्व को महसूस किया था। उनमें कई तरह की सिद्धियां थीं लेकिन वे सिद्धियों के पार चले गए थे। 


उन्होंने विवेकानंद को अपना शिष्य बनाया जो बुद्धि और तर्क में जीने वाला बालक था। रामकृष्ण परमहंस ने विवेकानंद के हर पश्र का समाधान कर उनकी बुद्धि को भक्ति में बदल दिया था। 

यहां प्रस्तुत हैं रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद के बीच हुए अद्भुत संवाद के अंश :

स्वामी विवेकानंद: मैं समय नहीं निकाल पाता। जीवन आपाधापी से भर गया है। 

रामकृष्ण परमहंस : गतिविधियां तुम्हें घेरे रखती हैं लेकिन उत्पादकता आजाद करती है। 


स्वामी विवेकानंद : आज जीवन इतना जटिल क्यों हो गया है?


रामकृष्ण परमहंस : जीवन का विश्लेण करना बंद कर दो, यह इसे जटिल बना देता है। जीवन को सिर्फ जियो।


स्वामी विवेकानंद : फिर हम हमेशा दुखी क्यों रहते हैं?


रामकृष्ण परमहंस : परेशान होना तुम्हारी आदत बन गई है, इसी वजह से तुम खुश नहीं रह पाते।


स्वामी विवेकानंद : अच्छे लोग हमेशा दुख क्यों पाते हैं?


रामकृष्ण परमहंस : हीरा रगड़े जाने पर ही चमकता है। सोने को शुद्ध होने के लिए आग में तपना पड़ता है। अच्छे लोग दुख नहीं पाते बल्कि परीक्षाओं से गुजरते हैं। इस अनुभव से उनका जीवन बेहतर होता है, बेकार नहीं होता। 


स्वामी विवेकानंद : आपका मतलब है कि ऐसा अनुभव उपयोगी होता है?


रामकृष्ण परमहंस : हां, हर लिहाज से अनुभव एक कठोर शिक्षक की तरह है। पहले वह परीक्षा लेता है फिर सीख देता है।


स्वामी विवेकानंद : समस्याओं से घिरे रहने के कारण हम जान ही नहीं पाते कि किधर जाना है?


रामकृष्ण परमहंस : अगर तुम बाहर झांकोगे तो जान नहीं पाओगे कि कहां जा रहे हो। 


अपने भीतर झांको। आंखें दृष्टि देती हैं, हृदय राह दिखाता है।


स्वामी विवेकानंद : क्या असफलता सही राह पर चलने से ज्यादा कष्टकारी है?


रामकृष्ण परमहंस : सफलता वह पैमाना है जो दूसरे लोग तय करते हैं, संतुष्टि का पैमाना तुम खुद तय करते हो।

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!