भारत का टीकाकरण अभियान ‘‘विज्ञान-जनित, विज्ञान-संचालित और विज्ञान-आधारित’’ : मोदी

Edited By Updated: 23 Oct, 2021 09:33 AM

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नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर (भाषा) देश में कोविड-19 रोधी टीकाकरण के 100 करोड़ के आंकड़े को पार करने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत का टीकाकरण अभियान ‘‘विज्ञान-जनित, विज्ञान-संचालित और विज्ञान-आधारित’’ है, साथ...

नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर (भाषा) देश में कोविड-19 रोधी टीकाकरण के 100 करोड़ के आंकड़े को पार करने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत का टीकाकरण अभियान ‘‘विज्ञान-जनित, विज्ञान-संचालित और विज्ञान-आधारित’’ है, साथ ही इसमें कोई ‘‘वीआईपी-संस्कृति’’ भी नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि आज चारों तरफ एक विश्वास है, उत्साह है, उमंग है तथा समाज से लेकर अर्थव्यवस्था तक हर तबके में ‘‘आशावाद, आशावाद, आशावाद’’ ही नज़र आता है। उन्होंने लोगों से आगामी त्योहारों के दौरान भी मास्क पहनने सहित कोविड-19 संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करने और किसी तरह की लापरवाही न करने की अपील की।
मोदी ने कहा कि विशेषज्ञ और देश-विदेश की अनेक एजेंसियां भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर बहुत सकारात्मक हैं।

उन्होंने कहा कि आज भारतीय कंपनियों में ना सिर्फ रिकॉर्ड निवेश आ रहा है, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी बन रहे हैं।
उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप्स में रिकॉर्ड निवेश के साथ ही रिकॉर्ड स्टार्ट-अप्स, यूनिकॉर्न बन रहे हैं तथा आवास क्षेत्र में भी नई ऊर्जा दिख रही है।

कोविड-19 टीकाकरण का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारा टीकाकरण अभियान ‘‘विज्ञान-जनित, विज्ञान-संचालित और विज्ञान-आधारित है।’’
उन्होंने कहा कि भारत का पूरा टीकाकरण कार्यक्रम विज्ञान की कोख में जन्मा है, वैज्ञानिक आधारों पर पनपा है और वैज्ञानिक तरीकों से चारों दिशाओं में पहुंचा है।

इस बारे में अपनी सरकार के आलोचकों पर तंज करते हुए मोदी ने याद दिलाया कि जब देश ने अपनी एकजुटता को ऊर्जा देने के लिए ताली, थाली बजाई, दिये जलाए, तब कुछ लोगों ने कहा था कि क्या इससे बीमारी भाग जाएगी?
उन्होंने कहा कि लेकिन हम सभी को उसमें देश की एकता दिखी, सामूहिक शक्ति का जागरण दिखा तथा इसी ताकत ने कोविड वैक्सीनेशन में आज देश को इतने कम समय में 100 करोड़ तक पहुंचाया है।

मोदी ने महामारी के खिलाफ लड़ाई में पूर्व में भारत की क्षमता को लेकर व्यक्त की गई आशंकाओं का भी जिक्र किया ।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की शुरुआत में ये भी आशंकाएं व्यक्त की जा रही थीं कि भारत जैसे लोकतंत्र में इस महामारी से लड़ना बहुत मुश्किल होगा।
उन्होंने कहा कि भारत के लिए, भारत के लोगों के लिए ये भी कहा जा रहा था कि इतना संयम, इतना अनुशासन यहाँ कैसे चलेगा और यहाँ ज़्यादातर लोग टीका लगवाने ही नहीं आएंगे।

मोदी ने कहा, ‘‘ लेकिन भारत के लोगों ने 100 करोड़ वैक्सीन डोज लेकर ऐसे लोगों को निरुत्तर कर दिया है।’’ उन्होंने कहा कि टीके की 100 करोड़ खुराक केवल एक आंकड़ा नहीं है बल्कि यह देश के सामर्थ्य का प्रतिबिंब और इतिहास के नए अध्याय की रचना है।
उन्होंने कहा, ‘‘ ये उस नए भारत की तस्वीर है जो कठिन लक्ष्य निर्धारित कर, उन्हें हासिल करना जानता है। ये उस नए भारत की तस्वीर है जो अपने संकल्पों की सिद्धि के लिए परिश्रम की पराकाष्ठा करता है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड महामारी की शुरूआत में इससे मुकाबले को लेकर तरह-तरह की आशंकाएं व्यक्त की जा रही थी ।

उन्होंने कहा कहा कि भारत ने जिस तेजी से 100 करोड़ का आंकड़ा पार किया है , उसकी सराहना भी हो रही है। लेकिन, इस विश्लेषण में एक बात अक्सर छूट जाती है कि हमने ये शुरुआत कहां से की है! मोदी ने कहा कि दुनिया के दूसरे बड़े देशों के लिए टीके पर शोध करना, खोजना, इसमें दशकों से उनकी महारथ थी जबकि भारत, अधिकतर इन देशों के बनाए टीके पर ही निर्भर रहता था और बाहर से मंगवाता था ।

उन्होंने कहा, ‘‘ इसी वजह से जब 100 साल की सबसे बड़ी महामारी आई, तो भारत पर सवाल उठने लगे कि क्या भारत इस वैश्विक महामारी से लड़ पाएगा? भारत दूसरे देशों से इतनी वैक्सीन खरीदने का पैसा कहां से लाएगा? भारत को वैक्सीन कब मिलेगी? भारत के लोगों को वैक्सीन मिलेगी भी या नहीं?’’ उन्होंने कहा कि लेकिन आज ये 100 करोड़ वैक्सीन डोज, हर सवाल का जवाब दे रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे लिए लोकतंत्र का मतलब है- 'सबका साथ' और सबको साथ लेकर देश ने 'सबको वैक्सीन', 'मुफ़्त वैक्सीन' का अभियान शुरू किया।

मोदी ने कहा कि गरीब-अमीर, गांव-शहर, दूर-सुदूर, देश का एक ही मंत्र रहा कि- अगर बीमारी भेदभाव नहीं करती, तो वैक्सीन में भी भेदभाव नहीं हो सकता।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ इसलिए, ये सुनिश्चित किया गया कि वैक्सीनेशन अभियान पर ‘वीआईपी संस्कृति’’ हावी न हो। कोई कितने ही बड़े पद पर क्यों ना रहा हो, कितना ही धनी क्यों ना रहा हो, उसे वैक्सीन सामान्य नागरिकों की तरह ही मिलेगी।’’
उन्होंने कहा कि हमारे देश ने कोविन प्लेटफ़ार्म की जो व्यवस्था बनाई है, वह भी विश्व में आकर्षण का केंद्र है।
मोदी ने कहा कि भारत में बने कोविन प्लेटफ़ॉर्म ने, न केवल आम लोगों को सहूलियत दी, बल्कि हमारे चिकित्सा कर्मियों के काम को भी आसान बनाया।
प्रधानमंत्री ने लोगों से त्योहारों को पूरी सतर्कता के साथ ही मनाने और कोविड प्रोटोकाल का पालन करने का आग्रह किया ।
मोदी ने कहा, ‘‘हमें सतत सावधान रहने की जरूरत है। हमें लापरवाह नहीं होना है। कवच कितना ही उत्तम हो, कवच कितना ही आधुनिक हो, कवच से सुरक्षा की पूरी गारंटी हो, तो भी जब तक युद्ध चल रहा है, हथियार नहीं डाले जाते।’’
उन्होंने कहा कि मास्क पहनने को एक सहज स्वभाव बनाना ही होगा। जिनको अभी तक वैक्सीन नहीं लगी है, वो इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दें तथा जिन्हें वैक्सीन लग गई है, वो दूसरों को प्रेरित करें।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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