कोरोना का नया स्वरूप: अंतरराष्ट्रीय यात्रा प्रतिबंधों में ढील योजना पर प्रधानमंत्री की समीक्षा बैठक

Edited By Updated: 27 Nov, 2021 10:38 PM

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नयी दिल्ली, 27 नवंबर (भाषा) कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ का पता चलने और इसे लेकर दुनियाभर में पैदा हुई आशंकाओं के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ‘प्रोएक्टिव’ रहने की आवश्यकता जताई और संभावित खतरों के मद्देनजर...

नयी दिल्ली, 27 नवंबर (भाषा) कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ का पता चलने और इसे लेकर दुनियाभर में पैदा हुई आशंकाओं के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ‘प्रोएक्टिव’ रहने की आवश्यकता जताई और संभावित खतरों के मद्देनजर अधिकारियों से अंतरराष्ट्रीय यात्रा प्रतिबंधों में ढील देने की योजना की समीक्षा करने को भी कहा। इस बीच, कई राज्यों ने वायरस के नए स्वरूप की खबरों के चलते एहतियाती कदम उठाए हैं।

कर्नाटक के एक अधिकारी ने कहा कि बेंगलुरू में दक्षिण अफ्रीका से आए दो लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं और उनके नमूने आगे के परीक्षण के लिए भेजे गए हैं।

देश में कोविड-19 की ताजा स्थिति और जारी टीकाकरण अभियान की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री ने शीर्ष अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की और लोगों से अत्यधिक सतर्क रहने तथा मास्क पहनने व उचित दूरी सहित बचाव के सभी अन्य उपायों का पालन करने की अपील की।
लगभग दो घंटे चली इस बैठक के दौरान अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को ‘‘चिंता का विषय’’ बने ‘ओमीक्रोन’ और उसकी प्रकृति, विभिन्न देशों में इसके प्रभाव और भारत पर इसके असर के बारे में जानकारी दी और साथ ही संभावित प्रभावों पर भी चर्चा की।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि मोदी ने नए स्वरूप को देखते हुए ‘प्रोएक्टिव’ रहने की आवश्यकता बताई।

उल्लेखनीय है कि दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ के आने से कई देशों की चिंताएं बढ़ गई हैं तथा उन्होंने बचाव के उपाय करने शुरू कर दिए हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक समिति ने इसे ‘बेहद संक्रामक चिंताजनक स्वरूप’ करार दिया है।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के मुताबिक मोदी ने कहा, ‘‘नए खतरे को देखते हुए लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है और मास्क लगाने तथा सामाजिक दूरी का पालन करने जैसी उचित सावधानी बरतने की जरूरत है।’’
प्रधानमंत्री ने ‘जोखिम वाले’ देशों के रूप में चिह्नित किए गए देशों पर विशेष ध्यान देते हुए सभी अंतरराष्ट्रीय आगमन की निगरानी और दिशानिर्देशों के अनुरूप यात्रियों की जांच की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

उन्होंने अधिकारियों से सामने आ रहे नए साक्ष्यों को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय यात्रा प्रतिबंधों में ढील देने की योजना की समीक्षा करने को भी कहा।

इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से उन देशों से भारत आने वाली उड़ानों को रोकने का आग्रह किया जो वायरस के नए स्वरूप से प्रभावित हैं।

अंतरराष्ट्रीय यात्रा प्रतिबंधों में ढील देने की योजना की समीक्षा करने का प्रधानमंत्री का निर्देश ऐसे समय आया है जब एक दिन पहले ही नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कोरोना वायरस संक्रमण के चलते 20 महीने के निलंबन के बाद 15 दिसंबर से भारत आने वाली और भारत से जाने वाली अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को फिर से शुरू करने की घोषणा की थी।

अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों को फिर से शुरू करने का भारत का निर्णय ऐसे समय आया जब ब्रिटेन, जर्मनी, सिंगापुर, इज़राइल, फ्रांस और इटली जैसे विभिन्न देशों ने दक्षिणी अफ्रीका से हवाई यात्रा को प्रतिबंधित कर दिया है, जहां गंभीर स्वास्थ्य प्रभाव वाले नए कोरोना वायरस स्वरूप के मामले सामने आए हैं।
बैठक के बाद मोदी ने एक ट्वीट में कहा, "कोविड-19 और टीकाकरण से संबंधित स्थिति की समीक्षा की। नए स्वरूप के चलते हम सतर्क रहें, रोकथाम पर ध्यान केंद्रित करें और दूसरी खुराक (टीके की) लेना सुनिश्चित करें।"
बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री को देश में अनुक्रमण प्रयासों और फैल रहे कोरोना के स्वरूप का विवरण दिया गया। इस सिलसिले में उन्होंने निर्देश दिया कि जीनोम अनुक्रमण के नमूने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों और समुदाय से नियमों के अनुसार एकत्र किए जाएं, उनकी आईएनएसएसीओजी (इंडियन सार्स-कोव-2 कंसोर्टियम ऑन जिनोमिक्स) के तहत पहले से स्थापित प्रयोगशालाओं के नेटवर्क तथा कोविड-19 प्रबंधन के लिए चिह्नित शुरुआती चेतावनी संकेत के जरिए जांच की जाए।

प्रधानमंत्री ने अनुक्रमण प्रयासों को बढ़ाने तथा इसे और अधिक व्यापक बनाने की आवश्यकता बताई।

बेंगलुरु उपायुक्त (ग्रामीण) के. श्रीनिवास, जिनके अधिकार क्षेत्र में केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा आता है, ने संवाददाताओं से कहा कि एक नवंबर से 26 नवंबर तक कुल 94 लोग दक्षिण अफ्रीका से आए हैं और उनमें से दो कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि दोनों संक्रमित व्यक्तियों को पृथक-वास में रखा गया है, अधिकारियों द्वारा उनकी निगरानी की जा रही है और उनके नमूने आगे के परीक्षण के लिए भेजे गए हैं ताकि वायरस के स्वरूप का पता लगाया जा सके।

इस बीच, डब्ल्यूएचओ ने दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के देशों से निगरानी बढ़ाने, सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक उपायों को मजबूत करने और टीकाकरण कवरेज बढ़ाने के लिए कहा।

वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने कहा कि उत्सवों और समारोहों में सभी एहतियाती उपाय बरते जाने चाहिए और भीड़ तथा बड़ी सभाओं से बचा जाना चाहिए।

डब्ल्यूएचओ की दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा, "हमें किसी भी कीमत पर अपने मनोबल को कम नहीं करना चाहिए।" उन्होंने कहा कि देशों को निगरानी और अनुक्रमण बढ़ाना चाहिए।

वहीं, केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा कि देश "बड़ी मुश्किल" से कोविड-19 महामारी से "उबरा" है और ‘‘मैं माननीय प्रधानमंत्री से उन देशों से उड़ानें बंद करने का आग्रह करता हूं जो नए स्वरूप से प्रभावित हैं। बड़ी मुश्किल से हमारा देश कोरोना से उबर पाया है। हमें इस नए स्वरूप को भारत में प्रवेश करने से रोकने के लिए हरसंभव प्रयास करने चाहिए।’’
इस बीच, भारत से और भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की अनुमति देने के निर्णय पर किए गए एक सर्वेक्षण में 64 प्रतिशत लोगों ने कहा कि सरकार वायरस के नए स्वरूप के चलते इस पर पुनर्विचार करे।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कोरोना वायरस के नए स्वरूप को लेकर चिंता व्यक्त की और सरकार से देश के लोगों को टीका सुरक्षा प्रदान करने को कहा।

बैठक के दौरान मोदी को टीकाकरण अभियान में प्रगति और 'हर घर दस्तक' अभियान के तहत किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया गया।

पीएमओ के मुताबिक मोदी ने दूसरी खुराक का दायरा बढ़ाने का निर्देश दिया और कहा कि जिन लोगों को पहली खुराक मिली है, उन्हें दूसरी खुराक समय पर दिया जाना राज्यों द्वारा सुनिश्चित किए जाने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री को समय-समय पर देश में होने वाले सीरो-पॉजिटिविटी और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया में इसके प्रभाव के बारे में भी जानकारी दी गई।

मोदी ने अधिकारियों को राज्य और जिला स्तर पर उचित जागरूकता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करने का भी निर्देश दिया।

उन्होंने निर्देश दिया कि ज्यादा कोविड मामलों वाली जगहों पर गहन नियंत्रण और सक्रिय निगरानी जारी रहनी चाहिए और उन राज्यों को आवश्यक तकनीकी सहायता प्रदान की जानी चाहिए जहां इस समय ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों और वेंटिलेटर के उचित कामकाज सुनिश्चित के लिए राज्यों के साथ समन्वय करने को भी कहा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि ब्रिटेन सहित यूरोपीय देशों, और दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हांगकांग तथा इज़राइल को 'एट-रिस्क' (जोखिम श्रेणी) में रखा गया है।


केरल: राज्य सरकार ने कहा कि अधिकारी सतर्क हैं लेकिन अभी तक राज्य में चिंता का कोई कारण नहीं है।

स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि राज्य ने केंद्र के दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी एहतियाती कदम उठाए हैं और सभी हवाई अड्डों पर निगरानी मजबूत की जाएगी।

कर्नाटक: स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर ने कहा कि हवाई अड्डों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि राज्य में 'उच्च जोखिम' श्रेणी वाले देशों से यात्रा करने वालों को कोविड परीक्षण रिपोर्ट होने के बावजूद एक परीक्षण से गुजरना होगा, और उन्हें रिपोर्ट निगेटिव होने के बाद ही हवाई अड्डे के बाहर जाने की अनुमति दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी उन्हें घर पर ही रहना होगा और सात दिनों के बाद एक बार फिर उनकी जांच की जाएगी तथा निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद ही कोई भी बाहर जा पाएगा।

गुजरात: एक अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 'जोखिम वाले देशों' के रूप में वर्गीकृत देशों के यात्रियों को आने पर कोविड-19 परीक्षण से गुजरना होगा, यदि उन्होंने पूर्ण टीकाकरण नहीं कराया है।

राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) मनोज अग्रवाल ने कहा, "केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को हमें जारी पत्र के अनुसार, आने वाले उन सभी यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर परीक्षण अनिवार्य है, जिनके पास टीकाकरण प्रमाण पत्र नहीं है।"

उन्होंने कहा कि जिन लोगों का पूर्ण टीकाकरण हो गया है, उनकी भी हवाई अड्डे पर जांच की जाएगी और संक्रमण के कोई लक्षण नहीं दिखने पर उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति दी जाएगी।

तमिलनाडु: राज्य के मंत्री मा सुब्रमण्यम ने कहा कि राज्य ने सभी चार अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर एहतियाती उपाय तेज कर दिए हैं और व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी के लिए स्वास्थ्य विभाग के चार अधिकारियों को नियुक्त किया है।

ये अधिकारी चेन्नई, कोयंबटूर, मदुरै और तिरुचिरापल्ली हवाई अड्डों पर तैनात रहेंगे।

मध्य प्रदेश : चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि जीनोम अनुक्रमण तेजी से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हालांकि राज्य में अभी तक कोई भी व्यक्ति ‘ओमीक्रॉन’ स्वरूप से संक्रमित नहीं पाया गया है, लेकिन सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए है।

मुंबई: महापौर किशोरी पेडनेकर ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका से शहर में आने वाले सभी यात्रियों को पृथक-वास में रखा जाएगा।

उन्होंने कहा कि वायरस के नए स्वरूप से प्रभावित अन्य देशों से आने वाले यात्रियों के लिए भी इसी तरह के प्रतिबंध लागू हो सकते हैं।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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