रास में उठा आंध्र, कर्नाटक, तमिलनाडु में भारी बारिश का मुद्दा, तत्काल राहत की मांग की गई

Edited By Updated: 30 Nov, 2021 01:13 PM

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नयी दिल्ली, 30 नवंबर (भाषा) राज्यसभा में मंगलवार को विभिन्न दलों के सदस्यों ने आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में बीते एक महीने के दौरान हुई भारी बारिश और इससे हुए जानमाल के नुकसान का मुद्दा उठाया तथा केंद्र सरकार से आर्थिक मदद दिए जाने की...

नयी दिल्ली, 30 नवंबर (भाषा) राज्यसभा में मंगलवार को विभिन्न दलों के सदस्यों ने आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में बीते एक महीने के दौरान हुई भारी बारिश और इससे हुए जानमाल के नुकसान का मुद्दा उठाया तथा केंद्र सरकार से आर्थिक मदद दिए जाने की मांग की ताकि लोगों को राहत मुहैया कराई जा सके।

शून्यकाल के दौरान उच्च सदन में तमिल मनीला कांग्रेस के जी के वासन ने तमिलनाडु में भीषण बारिश का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि एक माह से इस प्राकृतिक आपदा की वजह से राज्य में तबाही मची है और जनजीवन बाधित हो गया है। उन्होंने कहा कि चेन्नई, कांचीपुरम, तिरूवल्लूर में 100 साल से अधिक समय में ऐसी बारिश नहीं देखी गई।
वासन ने कहा कि बारिश के कारण नदी नाले उफान पर हैं, कावेरी डेल्टा तबाह हो गया है, स्कूल-कालेज, विभिन्न संस्थान आदि बंद हैं और बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हुए हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि वह अपने दल राज्य में भेजे और राज्य को तत्काल वित्तीय सहायता दे ताकि लोगों को अपेक्षित मदद दी जा सके और नए सिरे से शुरुआत की जा सके।

भाजपा सदस्य के सी राममूर्ति ने कर्नाटक में बारिश से हुई तबाही का जिक्र करते हुए कहा कि छह दशक बाद राज्य में ऐसी बारिश हुई है और इससे हुआ जानमाल का नुकसान अकल्पनीय है। उन्होंने कहा कि बारिश से फसल तबाह हो गई, कई मकान नष्ट हो गए, सड़कें और रेल की पटरियां क्षतिग्रस्त हो गईं और पशुहानि भी हुई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से मदद मिली है लेकिन नुकसान को देखते हुए यह पर्याप्त नहीं है।
राममूर्ति ने सरकार से कर्नाटक को 2000 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद तत्काल दिए जाने की मांग की।

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के विजय साई रेड्डी ने आंध्रप्रदेश में हुई भीषण बारिश का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बंगाल की खाड़ी पर बने कम दबाव के क्षेत्र की वजह से आठ नवंबर को आंध्रप्रदेश के रायलसीमा और तटीय हिस्से में तबाही मच गई। उन्होंने कहा कि बिजली ठप हो गई, फसल तबाह हो गई, गोदामों में रखा अनाज भीग गया, घरों में पानी घुस गया।
उन्होंने कहा कि बारिश जनित हादसों में 44 लोगों की जान चली गई, 60 से ज्यादा लोग लापता हैं और एक लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। रेड्डी ने सरकार से मांग की कि राज्य को तत्काल आर्थिक मदद मुहैया कराई जाए अन्यथा विभाजन का दंश झेल रहे इस राज्य की अर्थव्यवस्था बुरी तरह लड़खड़ा जाएगी।

भाजपा के सी एम रमेश ने कहा कि आंध्रप्रदेश में प्रशासनिक व्यवस्था को भी दुरूस्त किया जाना जरूरी है अन्यथा लोगों को राहत मिल पाना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के मुख्यमंत्री से बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी ली, तब तक राज्य के अधिकारियों ने प्रभावितों को राहत और बचाव के लिए कोई कदम नहीं उठाए थे।

रमेश ने कहा ‘‘राज्य में स्थिति जितनी भयावह है, उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती।’’
विभिन्न दलों के सदस्यों ने वासन, राममूर्ति, रेड्डी और रमेश द्वारा उठाए गए मुद्दों से स्वयं को संबद्ध किया।

सभापति एम वेंकैया नायडू ने उम्मीद जताई की सरकार आंध्रप्रदेश, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु में बारिश की वजह से उत्पन्न हालात को देखते हुए तत्काल उचित कदम उठाएगी ताकि इन राज्यों के लोगों को समुचित राहत मिल सके।



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