देश में 279 नदियों पर 311 प्रदूषित खंडों की पहचान की गई, स्वच्छता का कार्य जारी : शेखावत

Edited By Updated: 02 Feb, 2023 05:20 PM

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नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) सरकार ने बृहस्पतिवार को बताया कि जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग (बीओडी) संबंधी निगरानी परिणामों के आधार पर 279 नदियों पर 311 प्रदूषित खंडों की पहचान की गई तथा नदियों की साफ-सफाई का कार्य किया जा रहा है।

नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) सरकार ने बृहस्पतिवार को बताया कि जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग (बीओडी) संबंधी निगरानी परिणामों के आधार पर 279 नदियों पर 311 प्रदूषित खंडों की पहचान की गई तथा नदियों की साफ-सफाई का कार्य किया जा रहा है।
लोकसभा में अब्दुल खालिक के प्रश्न के लिखित उत्तर में जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने यह जानकारी दी। सदस्य ने पूछा था कि क्या सरकार को देश में जल निकायों के प्रदूषण के वृहद प्रभावों की जानकारी है । उन्होंने यह भी जानना चाहा था कि सरकार द्वारा औद्योगिक अपशिष्ट के कारण होने वाले जल स्रोतों के प्रदूषण को रोकने/नियंत्रित करने के लिये क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
इस पर जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) विभिन्न राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों/समितियों के सहयोग से राष्ट्रीय जल गुणवत्ता निगरानी कार्यक्रमों के अंतर्गत 4,294 निगरानी केंद्रों के जरिये नदियों और अन्य जल निकायों की जल गुणवत्ता की निगरानी कर रहा है।
उन्होंने कहा कि जल गुणवत्ता निगरानी परिणामों के आधार पर सीपीसीबी द्वारा समय समय पर नदियों का प्रदूषण मूल्यांकन किया जाता है।
मंत्री ने कहा, ‘‘ नवंबर 2022 में सीपीसीबी द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग (बीओडी) संबंधी निगरानी परिणामों के आधार पर 279 नदियों पर 311 प्रदूषित खंडों की पहचान की गई।’’ उन्होंने कहा कि नदियों की सफाई और संरक्षण एक सतत प्रक्रिया है तथा देश में नदियां और अन्य जल निकाय मुख्य रूप से शहरों/कस्बों के जलमल और औद्योगिक कचरे के कारण प्रदूषित होते हैं।
शेखावत ने कहा, ‘‘ यह राज्य/संघ राज्य क्षेत्रों, स्थानीय निकायों और औद्योगिक इकाइयों की जिम्मेदारी है कि वे नदियों और अन्य जल निकायों, तटीय जल या भूमि में इन्हें बहाने या छोड़ने से पूर्व निर्धारित मानदंडों के अनुसार जलमल एवं औद्योगिक कचरे का अपेक्षित शोधन सुनिश्चित करें ताकि उनमें प्रदूषण को रोका जा सके।’’ उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (एनआरसीपी) ने अब तक देश के 16 राज्यों में फैले 80 शहरों में 36 नदियों पर प्रदूषित खंडों की स्वच्छता को लेकर 6248.16 करोड़ रूपये की परियोजना स्वीकृत की हैं और इसके तहत 2745.7 मिलियन लीटर प्रति दिन (एमएलडी) की जलमल शोधन क्षमता सृजित की गई है।
जल शक्ति मंत्री ने बताया कि नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 32,912.40 करोड़ रूपये की लागत से 5269.87 एमएलडी की जलमल शोधन क्षमता तैयार करने के लिये 177 परियोजनाएं और 5213 किलोमीटर जलनिकासी नेटवर्क सहित कुल 409 परियोजनाएं मंजूर की गईं।


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