Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 31 Jul, 2025 12:36 PM

गुरुवार सुबह घरेलू शेयर बाजार की शुरुआत बेहद डरावनी रही। कारण था अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत पर नया टैरिफ थोपने का ऐलान। ट्रंप ने भारत से होने वाले कुछ आयातों पर 25 प्रतिशत का नया शुल्क लगाने की बात कही, जिससे निवेशकों का भरोसा...
नेशनल डेस्क: गुरुवार सुबह घरेलू शेयर बाजार की शुरुआत बेहद डरावनी रही। कारण था अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत पर नया टैरिफ थोपने का ऐलान। ट्रंप ने भारत से होने वाले कुछ आयातों पर 25 प्रतिशत का नया शुल्क लगाने की बात कही, जिससे निवेशकों का भरोसा डगमगाया और उन्होंने भारी पैमाने पर शेयरों की बिकवाली शुरू कर दी। बाजार खुलने के महज 15 मिनट के अंदर ही निवेशकों को करीब 5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो गया। बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैपिटल लगभग 5.5 लाख करोड़ रुपये घटकर 543.3 लाख करोड़ रुपये रह गया। ये गिरावट इतनी तेज थी कि कई निवेशक कुछ समझ पाते उससे पहले ही उनके पोर्टफोलियो में लाल निशान छा गया।
तेजी से टूटा सेंसेक्स और निफ्टी
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स गुरुवार सुबह 786.36 अंकों की गिरावट के साथ 80,695.50 पर आ गया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 50 इंडेक्स भी 212.8 अंक गिरकर 24,642.25 के स्तर पर पहुंच गया। यह गिरावट बताती है कि बाजार में डर और अनिश्चितता का माहौल है।
ट्रंप के ऐलान से सबसे ज्यादा असर ऑयल सेक्टर पर
नए टैरिफ की खबर का सबसे बड़ा असर तेल और गैस कंपनियों पर देखा गया। बाजार खुलते ही निवेशकों ने इन सेक्टर के शेयरों में भारी बिकवाली शुरू कर दी, जिससे इनके भाव तेजी से नीचे आए। शुरुआती कारोबार के दौरान इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, ओएनजीसी (ONGC), गुजरात गैस, बीपीसीएल (BPCL) और महानगर गैस जैसे प्रमुख स्टॉक्स लाल निशान में दिखाई दिए। इन कंपनियों के शेयरों में आई गिरावट का मुख्य कारण यह है कि ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ से कच्चे तेल की कीमतों और आयात लागत पर सीधा असर पड़ सकता है। इससे इन कंपनियों की ऑपरेशनल लागत बढ़ने की आशंका है, जो मुनाफे को प्रभावित कर सकती है। यही वजह रही कि निवेशकों ने इन स्टॉक्स से दूरी बनानी शुरू कर दी और बाजार में गिरावट और गहरा गई।
अन्य प्रमुख कंपनियों के शेयर भी टूटे
तेल कंपनियों के साथ-साथ देश की कई बड़ी और प्रमुख कंपनियों के शेयरों में भी गिरावट दर्ज की गई। इनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारती एयरटेल, टाइटन, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों के शेयरों में आई गिरावट केवल ट्रंप के नए टैरिफ की वजह से नहीं है, बल्कि बाजार में फैले व्यापक डर और अनिश्चितता के माहौल का भी बड़ा असर देखने को मिला है। निवेशकों को आशंका है कि ट्रंप की नीतियों से आगे चलकर भारत के व्यापार और निर्यात पर दबाव बढ़ सकता है, जिससे देश की बड़ी कंपनियों की कमाई प्रभावित हो सकती है। इसी चिंता के कारण निवेशकों ने इन कंपनियों के शेयरों से दूरी बनानी शुरू कर दी, जिससे इनके भाव नीचे आ गए।
कुछ कंपनियों ने दिखाई मजबूती
हालांकि, इस गिरावट के बीच कुछ शेयर ऐसे भी रहे जो हरे निशान पर कारोबार कर रहे थे। इनमें प्रमुख नाम हैं:
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हिंदुस्तान यूनिलीवर
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एनटीपीसी
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पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन
इन कंपनियों की मजबूती ने बाजार को कुछ हद तक संतुलित करने की कोशिश की।
रुपया भी फिसला, गिरकर 87.75 के स्तर तक पहुंचा
डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया भी कमजोर होता नजर आया। गुरुवार सुबह रुपया 87.66 पर खुला और जल्द ही 87.75 के स्तर को छू गया। यह अब तक का सबसे निचला स्तर है। विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली और डॉलर की मजबूती इसका प्रमुख कारण रही।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने बढ़ाई चिंता
बाजार में गिरावट का एक अन्य कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की भारी बिकवाली है। एक्सचेंज डेटा के अनुसार, बुधवार को FIIs ने करीब 850.04 करोड़ रुपये की इक्विटीज बेचीं। यह संकेत देता है कि विदेशी निवेशक भारतीय बाजार को लेकर फिलहाल सतर्क हैं।