छोटे व्यापारियों को GST में मिली कुछ राहत

Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Oct, 2017 02:45 AM

gst to small traders some relief

जैसा कि मैंने 29 सितम्बर के सम्पादकीय ‘जी.एस.टी. से व्यापारी परेशान: सरकार विसंगतियों को जल्द दूर करे’ में लिखा था...

जैसा कि मैंने 29 सितम्बर के सम्पादकीय ‘जी.एस.टी. से व्यापारी परेशान: सरकार विसंगतियों को जल्द दूर करे’ में लिखा था कि नोटबंदी और जी.एस.टी. के परिणामस्वरूप बाजार में आई मंदी की लहर से कोई भी व्यापारी और उद्योगपति प्रभावित हुए बिना नहीं रहा है तथा कारोबार का पूरी तरह भट्ठा बैठ गया है। 

व्यापारियों और उद्योगपतियों ने यह शिकायत भी की थी कि जहां जी.एस.टी. की कार्यशैली स्पष्टï नहीं है वहीं इसकी दरें भी ठीक ढंग से तय नहीं की गई हैं। मुझे जितने भी लोगों से बात करने का अवसर मिला था, जिनमें भाजपा और आर.एस.एस. से निकटता रखने वाले लोग भी शामिल हैं, सभी ने जल्दबाजी और अपर्याप्त तैयारी के साथ जी.एस.टी. के कार्यान्वयन की आलोचना ही की थी। इसी दौरान मेरी भाजपा के एक सीनियर सांसद से भी बात हुई तो मैंने उनसे कहा था कि वह इस संबंध में लुधियाना जाकर देखें और मोदी जी तथा जेतली जी से इस संबंध में बात करें। इस पर उन्होंने कहा कि, ‘‘स्वयं मेरे मित्रों और रिश्तेदारों का भी यही हाल है। हमने मीटिंगों में यह बात रखी भी है और लिख कर भी भेजा है।’’ 

उसके कुछ ही दिनों बाद मुझे उनका फोन आया कि,‘‘हमने ऊपर बात की है जिस पर केंद्र सरकार ने अब इस मामले पर खुले मन से विचार करने और उनका फीडबैक लेने का निर्णय लेते हुए अपने सभी सांसदों और विधायकों को जी.एस.टी. मामले को लेकर व्यापारियों के बीच जाने तथा उनके मसलों को सुनकर उसकी रिपोर्ट वित्त मंत्रालय को देने के निर्देश जारी कर दिए हैं।’’ भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने माना कि व्यापारी और करदाता अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डïी हैं इसलिए उनके मसलों का जल्द से जल्द हल निकाला जाना चाहिए ताकि जी.डी.पी. में आई गिरावट को रोका जा सके। 

इसके साथ ही जहां ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री ने जी.एस.टी. में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने की बात कही, वहीं 4 अक्तूबर को विज्ञान भवन में एक कार्यक्रम में उन्होंने जी.एस.टी. नियमों में बड़े बदलाव का संकेत दिया और फिर 5 अक्तूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वित्त मंत्री अरुण जेतली और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के साथ देश की आर्थिक स्थिति को लेकर 3 घंटे तक मंथन किया। इसी पृष्ठïभूमि में 6 अक्तूबर को जी.एस.टी. कौंसिल की बैठक बुलाई गई जो सुबह साढ़े 10 बजे शुरू होकर शाम तक चली, जिसमें दी गई चंद सुविधाएं निम्र में दर्ज हैं : 

-मनी लांड्रिंग तथा पी.एम.एल.ए. एक्ट से सर्राफा कारोबारी बाहर। 
-कम्पाउंडिंग की सीमा 75 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपए की गई। 
-50,000 रुपए की खरीदारी पर नहीं दिखाना होगा पैन कार्ड। 
-सोने की खरीद में के.वाई.सी. नियमों में छूट। 
-रिवर्स चार्ज की व्यवस्था 31 मार्च तक। 
-निर्यातकों को 31 मार्च तक जी.एस.टी. से छूट। 
-2 लाख से ज्यादा खरीद पर देना पड़ेगा पैन कार्ड। 
-छोटे व्यापारियों को तीन महीने में रिटर्न दाखिल करनी होगी। डेढ़ करोड़ रुपए टर्न ओवर वाले तीन महीने में रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। 

आज जबकि जी.एस.टी. में विसंगतियों के चलते हाहाकार मची हुई है और व्यापारी वर्ग अत्यधिक दुखी है क्योंकि छोटे और मंझले व्यापारियों को जिनके परिवार में एक-एक, दो-दो लोग ही काम कर रहे हैं, समझ ही नहीं आ रहा है कि वे क्या करें और कैसे करें। सरकार को आशा है कि इन पगों से सरकार के अनुसार उक्त सुविधाओं से लगभग 5 करोड़ छोटे व्यापारियों को लाभ हो सकता है। अच्छी बात है कि एक शुरूआत तो हुई परंतु 60 जरूरी वस्तुओं पर टैक्स न घटाने से व्यापारियों को निराशा ही हुई है।—विजय कुमार  

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