Edited By ,Updated: 14 Sep, 2023 04:09 AM
‘एसोसिएशन फार डैमोक्रेटिक रिफाम्र्स’ (ए.डी.आर.) ने लोकसभा और राज्यसभा के 763 वर्तमान सांसदों के हलफनामों के विश्लेषण के बाद बताया है कि देश के लगभग 40 प्रतिशत (306) वर्तमान सांसदों के विरुद्ध आपराधिक मामले दर्ज हैं।
‘एसोसिएशन फार डैमोक्रेटिक रिफाम्र्स’ (ए.डी.आर.) ने लोकसभा और राज्यसभा के 763 वर्तमान सांसदों के हलफनामों के विश्लेषण के बाद बताया है कि देश के लगभग 40 प्रतिशत (306) वर्तमान सांसदों के विरुद्ध आपराधिक मामले दर्ज हैं। रिपोर्ट के अनुसार 194 (25 प्रतिशत) वर्तमान सांसदों ने उनके विरुद्ध गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है, जिनमें हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, महिलाओं के विरुद्ध आपराधिक मामले शामिल हैं।
21 वर्तमान सांसदों पर महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के केस चल रहे हैं। इनमें से 4 के विरुद्ध बलात्कार के केस हैं जबकि 11 सांसदों के विरुद्ध हत्या व 31 सांसदों के विरुद्ध हत्या के प्रयास के आरोप हैं। भाजपा के 385 सांसदों में से 139 (36 प्रतिशत), कांग्रेस के 81 में से 43 (53 प्रतिशत), तृणमूल कांग्रेस के 36 में से 14 (39 प्रतिशत), राजद के 6 में से 5 (83 प्रतिशत), माकपा के 8 में से 6 (75 प्रतिशत) व ‘आप’ के 11 सांसदों में से 3 (27 प्रतिशत) के विरुद्ध आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि अन्य दलों में भी दागी सांसद मौजूद हैं।
यदि हमारे जनप्रतिनिधि ही ‘आपराधिक पृष्ठभूमि वाले होंगे’ तो भला उनसे सही अर्थों में जनता के हितों की रखवाली करने की उम्मीद कैसे की जा सकती है! अत: राजनीतिक दलों को भी चाहिए कि वे आपराधिक पृष्ठभूमि वाले सांसदों को टिकट न दें। सरकार को भी ऐसा कानून बनाने की आवश्यकता है कि जिस उम्मीदवार के विरुद्ध कोई आपराधिक केस चल रहा हो, वह अदालत द्वारा अपराधमुक्त किए जाने तक चुनाव न लड़ सके। ऐसा होने पर ही देश को सुशासन प्रदान करने वाले जनप्रतिनिधि मिल सकेंगे।—विजय कुमार