‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ से आपसी एकता, तालमेल और मैत्री की स्थापना

Edited By ,Updated: 20 Sep, 2021 04:45 AM

establishment of mutual unity and friendship with  ek bharat shrestha bharat

हम भारतीयों ने हमेशा अपनी मातृभूमि को एक सभ्यता संपन्न राष्ट्र के रूप में देखा है। ऐसे राष्ट्र की सभ्यता की सीमाएं, राष्ट्र की संस्कृति की पहुंच उसके लोकाचार तथा एक-दूसरे को व्यापक रूप से  जोडऩे वाली आध्यात्मिक भावना के प्रभाव से तय होती हैं।...

हम भारतीयों ने हमेशा अपनी मातृभूमि को एक सभ्यता संपन्न राष्ट्र के रूप में देखा है। ऐसे राष्ट्र की सभ्यता की सीमाएं, राष्ट्र की संस्कृति की पहुंच उसके लोकाचार तथा एक-दूसरे को व्यापक रूप से  जोडऩे वाली आध्यात्मिक भावना के प्रभाव से तय होती हैं। परिणामस्वरूप, राष्ट्रवाद की हमारी अवधारणा, भौगोलिक सीमाओं तक सीमित नहीं है। हमारा सनातन धर्म पूरे विश्व को एक परिवार के रूप में देखता है-वसुधैव कुटुम्बकम। भारत की क्षेत्रीय एवं सभ्यतागत सीमाओं के अधिकतम संभव सीमा तक निकटता से जुड़े रहना सुनिश्चित करने में अगर किसी व्यक्ति का असाधारण योगदान था, तो वह थे सरदार वल्लभभाई पटेल।  

इस पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 31 अक्तूबर, 2015 को सरदार वल्लभभाई पटेल की 140वीं जयंती के अवसर पर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का शुभारंभ करना सर्वाधिक उपयुक्त था। इसके बाद, वित्त मंत्री अरुण जेतली ने 2016-17 के अपने बजट भाषण में इस पहल की घोषणा करते हुए कहा था, ‘‘सुशासन के लिए हमें देश की विविधता में एकता की भावना को प्रमुखता देनी होगी। राज्यों और जिलों को आपस में जोडऩे के लिए एक वार्षिक कार्यक्रम के तहत ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ शुरू किया जाएगा, जो भाषा, व्यापार, संस्कृति, यात्रा और पर्यटन के क्षेत्रों में आदान-प्रदान के माध्यम से लोगों को आपस में जोड़ेगा।’’ 

विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच कई स्तरों पर आपसी मैत्री को प्रोत्साहित करते हुए तथा विविधता का उत्सव मानते हुए यह कार्यक्रम भारत की एकता को बढ़ावा देता है। इस दौरान वे भाषा, साहित्य, व्यंजन, त्यौहारों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों,पर्यटन आदि के क्षेत्रों में नियमित मैत्री के जरिए राष्ट्रीय पहचान का अनुभव करते हैं। ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ एक ऐसी भावना है, जिसके अंतर्गत विभिन्न सांस्कृतिक इकाइयां अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्रों तक पहुंचती हैं, एक-दूसरे से जुड़ती हैं और परस्पर संवाद करती हैं। इसके माध्यम से एक ओर अलग-अलग विशेषताओं से युक्त तथा दूसरी ओर एक महानगरीय समाज को आपसी संबंध और भाईचारे की सहज भावना को आत्मसात करने का अवसर मिलता है। 

यह घनिष्ठ सांस्कृतिक जुड़ाव और बातचीत, लोगों में समग्र राष्ट्र के लिए जिम्मेदारी और स्वामित्व की भावना प्रेरित करती है। यह राष्ट्र निर्माण की भावना सभी को लाभ सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इसका उद्देश्य भागीदार राज्यों के विभिन्न हितधारकों के बीच ज्ञान-प्राप्ति का ईकोसिस्टम बनाना है, ताकि दो राज्यों के बीच सम्पर्क की स्थापना से वे दूसरे राज्य की सर्वोत्तम प्रथाओं को सीखकर उनसे लाभ प्राप्त कर सकें।

एक भारत श्रेष्ठ भारत’ कार्यक्रम की बेहतर समझ देशवासियों में अन्य संस्कृतियों को देखने व जानने के लिए उत्सुकता पैदा करती है। इस प्रकार वे पर्यटन और पर्यटन से लाभ प्राप्त करने वाले समुदायों के लिए महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। यह बात, हम सभी को याद है कि प्रधानमंत्री ने 2022 तक भारत के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित कम से कम 15 पर्यटन स्थलों का दौरा करने के लिए सभी देशवासियों को प्रोत्साहित किया था। उन्होंने महसूस किया था कि इससे नागरिकों को देश के सुंदर गंतव्यों और भारत की प्राकृतिक सुंदरता तथा समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रत्यक्ष अनुभव करने का अवसर मिलेगा। 

प्रधानमंत्री के विजन और नेतृत्व ने पर्यटन मंत्रालय की पहल ‘देखो अपना देश’ और ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ जैसे कार्यक्रमों के बीच गहरे तालमेल और आपसी निकटता को संभव बनाया है। अधिक से अधिक वैक्सीन की डोज दिए जाने से, पर्यटन क्षेत्र जनवरी 2022 से पूरी क्षमता से कार्य करने में सक्षम होगा और ‘अतुल्य भारत’ की अंतॢनहित ताकत ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की मूल भावना का लाभ उठाकर समृद्धि प्राप्त करेगा। 
अनूठा भारतीय संघ धर्मों, संस्कृतियों, जनजातियों, भाषाओं, व्यंजनों और लोगों का एक विविध संयोजन है। भारत जैसा कोई देश नहीं है, जो इतना विविध, बहुभाषी और बहुसांस्कृतिक हो, फिर भी सांझी परंपराओं, संस्कृतियों और मूल्यों के प्राचीन बंधनों से परस्पर जुड़ा हो

इस विविधता की रक्षा और संरक्षण करने के लिए हमारे पूर्वजों द्वारा दिए गए बलिदानों की हम कल्पना भी नहीं कर सकते। ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ कार्यक्रम का उद्देश्य ऐसे ही एक महान व्यक्तित्व के साथ न्याय करना है, जिन्होंने 565 देशी रियासतों को भारत संघ में एकीकृत करने का महान कार्य किया था।-जी किशन रेड्डी (केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री)    

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