‘आर्थिक मोर्चे पर पिछड़ता भारत’

Edited By Updated: 29 Nov, 2020 04:25 AM

india lagging behind on the economic front

कुछ दिन पहले मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा था ,‘‘भारत 2020-21 में चालू खाता सरप्लस दर्ज कर सकता है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2020) में ‘‘हमारा सरप्लस 19.8 बिलियन अमरीकी डॉलर का था और यदि अगली

कुछ दिन पहले मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा था ,‘‘भारत 2020-21 में चालू खाता सरप्लस दर्ज कर सकता है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2020) में ‘‘हमारा सरप्लस 19.8 बिलियन अमरीकी डॉलर का था और यदि अगली तिमाहियों में उस तरह की परफॉरमैंस नहीं भी रही तो भी चालू खाता सरप्लस की संभावना तो रहेगी।’’सी.ई.ए. ने इस घटना को ‘अंडर हीटिंग’ के तौर पर परिभाषित किया है। इसका अर्थ यह है कि मांग टूट गई है और सरकार के तथाकथित स्टिमुलस पैकेज मांग पैदा करने में असफल रहे हैं। इस अंडर हीटिंग के बावजूद परचून महंगाई 7.61 प्रतिशत और खाद्य महंगाई 11.07 प्रतिशत हो गई है जिससे गरीबों पर भारी बोझ पड़ा है। 

रोजगार की चुनौती
वर्तमान हालात में आशा की किरण कृषि क्षेत्र है। 2020 में रबी की 148 मिलियन टन की बंपर फसल हुई और खरीफ की फसल का उत्पादन 144 मिलियन टन होने का अनुमान है। इस वर्ष ट्रैक्टर की बिक्री में 9 प्रतिशत का उछाल आने की संभावना है। एफ.एम.सी.जी. कंपनियों के अनुसार ग्रामीण मांग शहरी मांग से बेहतर है। इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्र में आय बढ़ाने के प्रयास नहीं किए गए। इसलिए तस्वीर मिलीजुली है लेकिन इससे दीर्घ आॢथक मूल्यांकन प्रभावित नहीं होना चाहिए। कुल मिला कर अर्थव्यवस्था खराब स्थिति में है, नीति निर्माण उलझन में है और सुधार के दावे बढ़ा-चढ़ा कर किए जा रहे हैं। असली मानदंड रोजगार तथा वेतन/आय हैं। 

सी.एम.आई.ई. के अनुसार वर्तमान बेरोजगारी दर 6.68 प्रतिशत है। इसे श्रम सहभागिता दर के साथ पढ़ा जाए, जो 41 प्रतिशत के निराशाजनक स्तर पर है तथा महिला श्रम सहभागिता दर 25 प्रतिशत है। रोजगार कर रहे 100 लोगों में से केवल 11 महिलाएं हैं। खत्म हुए प्रत्येक 11 रोजगारों में से 4 महिलाओं के थे। सितंबर 2019 से सितंबर 2020 के बीच एक करोड़ से अधिक लोग श्रम शक्ति से बाहर हो गए। 

अमीरों के प्रति झुकाव 
अर्थव्यवस्था भी (अंडर हीटिंग) उतनी ही खराब है जितनी (ओवर हीटिंग)। जब ओवर हीटिंग होती है तो महंगाई बढ़ती है। ऐेसे में मांग को कम करने के लिए ब्याज दरें बढ़ाई जाती हैं, फर्मों को उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। सुधारात्मक कदम उठाकर मांग और पूर्ति के बीच संतुलन स्थापित किया जाता है। (अंडर हीटिंग)के समय हम क्या करें? भारत के सामने यह एक नई प्रकार की चुनौती है जिससे निपटने में वर्तमान सरकार अक्षम नजर आती है। यदि मैं एक उदाहरण दूं तो करोड़पतियों को करों में छूट का 1,34,000 करोड़ रुपए का बोनांजा दिया गया। यह पैसा मुफ्त राशन और कैश ट्रांसफर के रूप में गरीबों को दिया जाना चाहिए था। यदि ऐसा किया जाता तो उन्हें तीन महीने की अवधि तक सप्ताह में कई-कई दिन भूखे नहीं रहना पड़ता। इन लोगों ने दूध, दवाएं और जरूरी वस्तुएं खरीदी होतीं जिससे मांग में वृद्धि होती। 

चालू खाता सरप्लस इसलिए है क्योंकि निर्यात आयात से ज्यादा है। हालांकि ये दोनों ही पहले से कम हैं। व्यापार में कमी के कारण चालू खाता सरप्लस की स्थिति पैदा होती है जोकि अर्थव्यवस्था के लिए घातक है। पहला नुक्सान नौकरियों को होगा। अदृश्य मैक्रो आॢथक प्रभाव यह होगा कि भारत की पूंजी विदेशों में निवेश होगी। कल्पना कीजिए कि एक विकासशील देश जिसे पूंजी की बहुत जरूरत है, उसकी पूंजी वास्तव में अन्य देशों में निर्यात की जा रही है। मुझे पूरा विश्वास है कि आत्मनिर्भर कार्यक्रम की परिकल्पना करने वालों ने इस तरह के परिणाम की अपेक्षा नहीं की होगी। यदि आत्मनिर्भर का मतलब आत्मनिर्भरता में वृद्धि करना है तो मैं इसका स्वागत करता हूं लेकिन यदि आत्मनिर्भरता के तहत संरक्षणवाद और लाइसैंस तथा नियंत्रण की वापसी है तो यह रास्ता विनाश की ओर जाता है। 

चोल और मौर्य शासक काफी दूरदर्शी थे जिन्होंने भारत की व्यापारिक गतिविधियों को चीन, इंडोनेशिया और रोम तक फैलाया। वे लोग वास्तविक वैश्विकवादी थे जिन्होंने दुनिया की जी.डी.पी. में भारत के हिस्से को 25 प्रतिशत तक बढ़ाया। उन दिनों में प्रशिक्षित अर्थशास्त्री नहीं होने के बावजूद भारत ने मुक्त व्यापार को अपनाते हुए नए बाजारों पर कब्जा किया और कई देशों से पूंजी लाकर भारत के खजाने में वृद्धि की। मुझे डर है कि कहीं हम अपनी अमीर विरासत की तरफ मुंह फेर कर ऐसी नीतियां न अपना लें जिनसे कम विकास दर का दौर शुरू हो जाए। ऑक्सफोर्ड इक्रॉमिक्स ने चेतावनी दी है कि अगले 5 सालों में भारत की औसतन विकास दर 4.5 प्रतिशत रह सकती है। यह समय चेत जाने का है।-पी. चिदम्बरम
 

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!