Edited By ,Updated: 24 May, 2025 05:16 AM
इस साल के अंत में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों से पहले बिहार में राजनीतिक हलचल तेज है। पटना में आर.जे.डी. नेता और पूर्व सी.एम. राबड़ी देवी के आवास के पास एक पोस्टर ने पूर्व डिप्टी सी.एम. तेजस्वी प्रसाद यादव को ‘असली (शुद्ध देसी) बिहारी’ घोषित...
इस साल के अंत में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों से पहले बिहार में राजनीतिक हलचल तेज है। पटना में आर.जे.डी. नेता और पूर्व सी.एम. राबड़ी देवी के आवास के पास एक पोस्टर ने पूर्व डिप्टी सी.एम. तेजस्वी प्रसाद यादव को ‘असली (शुद्ध देसी) बिहारी’ घोषित करके विवाद खड़ा कर दिया है, जबकि एल.जे.पी.(आर.वी.) प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को बाहरी करार दिया है।
एक महिला आर.जे.डी. पदाधिकारी द्वारा लगाए गए पोस्टर में सी.एम. नीतीश कुमार और उनके डिप्टी सम्राट चौधरी का भी मजाक उड़ाया गया है, जिसमें उन्हें चिराग के सिर पर मुकुट रखते हुए दिखाया गया है।
कैप्शन में लिखा था : ‘मुंगेरीलाल के हसीन सपने’। दूसरी ओर पूर्व केंद्रीय मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह, जिन्हें आर.सी.पी. सिंह के नाम से जाना जाता है, ने अपने पुराने आलोचक प्रशांत किशोर से हाथ मिला लिया। सिंह ने अपनी आप सबकी आवाज पार्टी का विलय किशोर की जन सुराज पार्टी में कर दिया।
छगन भुजबल एक बार फिर महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में वापसी कर रहे : महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य में एक दिलचस्प घटनाक्रम देखने को मिल रहा है क्योंकि वरिष्ठ एन.सी.पी. और ओ.बी.सी. नेता छगन भुजबल एक बार फिर महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में वापसी कर रहे हैं। महायुति सरकार स्थानीय निकाय चुनावों से पहले राज्य भर में अपने ओ.बी.सी. वोट बैंक को मजबूत करने के लिए धनंजय मुंडे की जगह एक मजबूत ओ.बी.सी. चेहरे के रूप में उन्हें लाना चाहती है। सूत्रों के अनुसार, एन.सी.पी. के शीर्ष नेतृत्व की कुछ अनिच्छा के बावजूद, फडऩवीस भुजबल को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के लिए उत्सुक हैं। महाराष्ट्र की राजनीति में एक कद्दावर नेता, भुजबल ओ.बी.सी. माली समुदाय से आते हैं और लंबे समय से ओ.बी.सी. अधिकारों और प्रतिनिधित्व के लिए एक प्रभावशाली वकील रहे हैं। 77 वर्षीय भुजबल एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पिछली महायुति कैबिनेट में खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री थे।
पिछले साल के अंत में जब फडऩवीस सरकार ने कार्यभार संभाला था, तो एन.सी.पी. अध्यक्ष और उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार कथित तौर पर अपने सहयोगी धनंजय मुंडे को बढ़ावा देने के इच्छुक थे। भुजबल को दरकिनार कर दिया गया और मुंडे को खाद्य और नागरिक आपूर्ति का प्रभार दिया गया। भुजबल को शामिल करने का मतलब है कि एन.सी.पी. ने गठबंधन में अपने मंत्रियों का कोटा बरकरार रखा है, साथ ही उस नेता को खुश किया है जो महायुति सरकार में पद से वंचित होने से नाराज थे।
वाम दलों की बड़ी रणनीति में भाजपा के चुनावी विस्तार को रोकना चुनौती है: सी.पी.आई. (एम) और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, अगले साल केरल में लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के सपने को साकार करने की उम्मीद कर रहे हैं। सी.पी.आई. (एम) के नेतृत्व वाला एल.डी.एफ. विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले यू.डी.एफ. के साथ उच्च दाव की लड़ाई के लिए कमर कस रहा है। हालांकि, विजयन अपनी सरकार की विभिन्न योजनाओं और पहलों पर जोर देते हुए राज्य के सभी 14 जिलों का दौरा कर रहे हैं। एल.डी.एफ . ने सत्ता विरोधी भावना को मात देते हुए 140 सदस्यीय विधानसभा में 99 सीटों के साथ भारी बहुमत हासिल किया। 4 दशकों में यह पहली बार था जब राज्य ने सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए लगातार 2 कार्यकालों के लिए मतदान किया था। इस बीच, सी.पी.आई. (एम) ने विकास के मुद्दे को अपना मुख्य मुद्दा बनाया है और विजयन को ऐसे नेता के रूप में पेश किया है जिसने कई विकास परियोजनाएं पूरी की हैं। हालांकि, वाम दलों की बड़ी रणनीति में भाजपा के चुनावी विस्तार को रोकना चुनौती है।
शरद पवार और अजीत पवार गुट रस्साकशी में लगे : महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार और अजीत पवार गुटों के विलय की संभावना पर अटकलों के बीच, दोनों पक्ष कहानी को नियंत्रित करने के लिए रस्साकशी में लगे हुए हैं। इस बीच, शरद पवार के गुट में संकट बढ़ रहा है क्योंकि कथित तौर पर कुछ विधायकों ने अजीत पवार की पार्टी के साथ विलय का समर्थन किया है। यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि विलय की अफवाह पवार सीनियर द्वारा अपने गुट से पलायन को रोकने के लिए फैलाई जा रही है। 288 सदस्यीय विधानसभा में शरद पवार के गुट के सिर्फ 10 विधायक हैं जबकि इसने 2024 में राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से 8 पर जीत हासिल की है। विलय पर शरद पवार की टिप्पणी को पीछे हटने के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, शरद पवार ने कहा था कि इसका फैसला उनकी बेटी और उनके गुट की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले और अजीत पवार करेंगे। सुप्रिया सुले ने विलय की दिशा में किसी भी कदम को खारिज कर दिया लेकिन राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि शरद पवार को विलय की जरूरत है।
मायावती का चुपचाप यू टर्न: एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए बहुजन समाज पार्र्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी का मुख्य राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किया है। संगठनात्मक बदलाव के तहत मायावती ने देश को तीन जोन में बांटकर टीमों के गठन का निर्देश दिया है जिनमें से प्रत्येक का नेतृत्व एक राष्ट्रीय समन्वयक करेगा।-राहिल नोरा चोपड़ा