Edited By ,Updated: 24 Jan, 2017 05:23 PM

देश के एक करदाता ने वित्त वर्ष 2014-15 में 21,870 करोड़ रुपए का टैक्स बकाया था। सरकार को मिलने वाले कुल इनकम टैक्स का यह करीब 11 फीसदी है। आयकर विभाग की ओेर से जारी किए गए आंकड़ों में यह खुलासा हुआ है।
नई दिल्लीः देश के एक करदाता ने वित्त वर्ष 2014-15 में 21,870 करोड़ रुपए का टैक्स बकाया था। सरकार को मिलने वाले कुल इनकम टैक्स का यह करीब 11 फीसदी है। आयकर विभाग की ओेर से जारी किए गए आंकड़ों में यह खुलासा हुआ है। देश के करीब 3 व्यक्तिगत करदाता ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी कारोबारी 500 करोड़ रुपए घोषित की है। 2 व्यक्तिगत करदाताओं ने 2014-15 में 500 करोड़ रुपए का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन घोषित किया है। इन टैक्सपेयर्स के नाम उजागर नहीं किए गए हैं।
थिंक टैंक ऑक्सफैम इंडिया की ओर से जारी किए गए डेटा के मुताबिक देश के समृद्ध 1 फीसदी लोगों के पास भारत की करीब 58 फीसदी संपदा है। यही नहीं 57 अरबपतियों के पास देश के 70 फीसदी गरीबों के बराबर संपदा है। अमरीका की बात की जाए तो वहां 1 फीसदी लोगों के पास देश की 19 फीसदी आय है, जबकि वह कुल टैक्स में 38 फीसदी हिस्सेदारी रखते हैं। हालांकि भारत सरकार की ओर से ऐसे आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं, जिससे पता चलता हो कि कितने लोगों की आय में कितनी हिस्सेदारी है और वे कितना टैक्स चुकाते हैं।
ऑक्सफैम की ओर से हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 2015 में दुनिया के 62 सबसे समृद्ध लोगों के पास करीब 50 फीसदी गरीबों के बराबर संपत्ति है। 2010 में 388 अरबपतियों के पास करीब 50 फीसदी गरीबों के बराबर संपत्ति थी। इन आंकड़ों से समझा जा सकता है कि कितनी तेजी से गरीब और अमीर के बीच खाई और चौड़ी हुई है।
भारत में 2013-14 में 3 करोड़ 65 लाख व्यक्तिगत करदाताओं ने 16.5 लाख करोड़ रुपए की टैक्सेबल इनकम घोषित की थी। इन करदाताओं ने कुल 1.91 लाख करोड़ का टैक्स अदा किया। 2014-15 की बात करें तो इस साल 3 करोड़ 60 लाख टैक्सपेयर्स ने 9.8 लाख करोड़ की आय घोषित की थी। यह देश की कुल आय 134.2 लाख करोड़ रुपए का 7 फीसदी था। इसके अलावा 5.6 लाख करोड़ रुपए की बिजनैस इनकम और अन्य स्रोतों से 2.4 लाख करोड़ रुपए की आय की घोषणा की गई।