Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 Apr, 2018 07:21 PM
महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कुछ दिन पहले ट्विटर पर एक फोटो शेयर करते हुए कहा था कि इस से व्यक्ति मैनेजमेंट के छात्रों को मार्कीटिंग के गुड़ सीखनी चाहिए। आनंद ने जो तस्वीर शेयर की थी उसमें एक मोची ने सड़क पर लगी
नई दिल्लीः महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कुछ दिन पहले ट्विटर पर एक फोटो शेयर करते हुए कहा था कि इस से व्यक्ति मैनेजमेंट के छात्रों को मार्कीटिंग के गुड़ सीखनी चाहिए। आनंद ने जो तस्वीर शेयर की थी उसमें एक मोची ने सड़क पर लगी अपनी दुकान पर एक बैनर लगाया हुआ था, 'जख्मी जूतों का हस्पताल'। मोची ने आनंद महिंद्रा को काफी प्रभावित किया और उसकी मदद के लिए आगे आए।
नरसीजी को दिखाए डिजाइन
मोची नरसीराम के बारे में ट्वीट करते हुए महिंद्रा ने लिखा, 'हरियाणा में हमारी टीम उनसे मिली और पूछा कि हम कैसे उनकी मदद कर सकते हैं। साधारण और नम्र नरसीजी ने पैसे नहीं मांगे उन्होंने काम करने के लिए बेहतर जगह की जरूरत के बारे में बताया।' महिंद्रा ने आगे लिखा कि उन्होंने मुंबई की अपनी डिजाइन स्टूडियो टीम से एक चलती-फिरती दुकान डिजाइन करने को कहा।
महिंद्रा ने बताया कि उनकी टीम ने ये डिजाइन नरसीजी को दिखाए हैं। उन्होंने ट्विटर यूजर्स से भी आइडियाज मांगे। उन्होंने कहा कि सड़क पर सामान बेचने वालों के लिए चलती-फिरती दुकानें बनाई जा सकती हैं जिससे सुंदरता भी बने रहे और उनका काम भी बेहतर तरह से हो सके।
खुद को बताया डॉ.
नरसीराम हरियाणा के जींद की पटियाला चौक पर जूते-चप्पलों की मरम्मत करते हैं। नरसी ने लोगों का ध्यान खींचने के लिए जो बैनर लगाया है उस पर लिखा है- 'जख्मी जूतों को हस्पताल डॉ. नरसीराम'। नरसी ने अपने बैनर में अस्पताल की तर्ज पर कई तरह कि जानकारी दे रखी है। मसलन लिखा है कि ओपीडी सुबह 9 से दोपहर 1 बजे, लंच दोपहर 1 से 2 बजे और शाम 2 से 6 बजे तक अस्तपाल खुला रहेगा। आगे लिखा है- 'हमारे यहां सभी प्रकार के जूते जर्मन तकनीक से ठीक किए जाते हैं।'
फूल और मोमेंटो भिजवाया
नरसीराम की तस्वीर वॉट्सऐप के जरिए मिलने पर आनंद महिंद्रा हैरान रह गए थे। इसके बाद उन्होंने अपनी एक टीम यह खोजने में लगाई कि आखिर नरसीराम का पता-ठिकाना कहा है। जल्द ही नरसीराम का ठिकाना मिल गया लेकिन महिंद्रा ग्रुप की टीम ने नरसी को फूल और मोमेंटो भिजवाया है। उन्हें महिंद्रा कंपनी के ट्रैक्टर पर बैठा कर सारे शहर में भी घुमाया गया।