Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Oct, 2017 06:20 PM
एशिया में पहली बार अमरीका से ज्यादा बिलियनेयर्स (अरबपति) हो गए हैं। स्विस बैंक यूबीएस और ग्लोबल कंसल्टेंसी फर्म प्राइसवाटरहाउस कूपर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 2016 में एशिया में 637 और अमेरिका में 563 अरबपति हैं। एशिया में इनकी संख्या तेजी से बढ़ रही...
नई दिल्लीः एशिया में पहली बार अमरीका से ज्यादा बिलियनेयर्स (अरबपति) हो गए हैं। स्विस बैंक यूबीएस और ग्लोबल कंसल्टेंसी फर्म प्राइसवाटरहाउस कूपर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 2016 में एशिया में 637 और अमेरिका में 563 अरबपति हैं। एशिया में इनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है। अगर एक साल का आंकलन करें तो हर दो दिन में एक एशियाई अरबपति बन रहा है. यूरोप में अमीरों की संख्या 2015 के बराबर (342) ही रही. आपको बता दें कि अरबपति वेें हैं जिनके पास कम से कम एक बिलियन डॉलर (6,500 करोड़ रुपए) की संपत्ति है।
रिपोर्ट के अनुसार, अरबपतियों की संख्या सबसे अधिक एशिया में बढ़ी है।नये बने अरबपतियों का तीन तिहाई हिस्सा भारत और चीन से है. दुनिया में एक साल में 142 नए अरबपति बने। इनमें 67 भारत और चीन के हैं। भारत में 2015 में 84 थे. एक साल बाद 100 हो गए, यानी सालभर में 16 बढ़े। चीन में अमीरों की तादाद 167 से बढ़कर 218 हो गई है. एक साल में 51 बढ़ गए।
कुल अरबपतियों में एशिया से 637 और अमरीका से 563 रहे। यूरोप 342 अरबपतियों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। एशिया में अरबपतियों की संख्या अमेरिका और यूरोप की तुलना में कहीं ज्यादा तेजी से बढ़ रही है. पिछले साल एशिया मे 117 नए अरबपति बने. यानी दो दिन में एक व्यक्ति अरबपति बना है. अमेरिका में सालभर में 25 का इजाफा हुआ।रिपोर्ट के मुताबिक कुल संपत्ति के लिहाज से अमेरिका अभी भी आगे है, लेकिन एशिया में इसी तेजी से अमीरों की संख्या अगर बढ़ती रही तो यह 4 साल में अमेरिका से आगे निकल जाएगा।