Edited By Pardeep,Updated: 14 Dec, 2025 10:48 PM

भारतीय जनता पार्टी ने वरिष्ठ नेता और सांसद पंकज चौधरी को उत्तर प्रदेश बीजेपी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह फैसला इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि अगले दो साल में यूपी विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। पार्टी ने संगठन की कमान एक अनुभवी नेता को...
नेशनल डेस्कः भारतीय जनता पार्टी ने वरिष्ठ नेता और सांसद पंकज चौधरी को उत्तर प्रदेश बीजेपी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह फैसला इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि अगले दो साल में यूपी विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। पार्टी ने संगठन की कमान एक अनुभवी नेता को सौंपी है।
पंकज चौधरी सिर्फ राजनीति में ही नहीं, बल्कि आर्थिक रूप से भी काफी मजबूत माने जाते हैं। चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामों के अनुसार, पिछले 20 वर्षों में उनकी संपत्ति करीब 30 गुना बढ़ चुकी है।
पहला चुनाव और शुरुआती संपत्ति
पंकज चौधरी ने साल 2004 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा था। उस समय उनकी कुल संपत्ति करीब 1.41 करोड़ रुपये थी। लेकिन समय के साथ उनकी संपत्ति में लगातार इजाफा होता गया।
2024 में कितनी है कुल नेटवर्थ?
चुनाव आयोग को 2024 के लोकसभा चुनाव में दिए गए एफिडेविट के अनुसार:
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कुल संपत्ति: ₹41,90,10,509
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नकद: ₹2,47,300
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बैंक बैलेंस (सेविंग + एफडी): ₹98,03,146
शेयर, निवेश और कीमती धातुएं
पंकज चौधरी ने अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश किया है:
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कंपनियों में शेयर:
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PPF, NSC और म्यूचुअल फंड: ₹26,12,000
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सोना-चांदी: ₹50,34,000
(यह कीमत पिछले साल की है, मौजूदा बाजार दरों के अनुसार इसकी वैल्यू और बढ़ सकती है)
कुल चल संपत्ति: ₹5,75,87,009
जमीन और प्रॉपर्टी का बड़ा पोर्टफोलियो
पंकज चौधरी की अचल संपत्ति भी काफी बड़ी है:
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कृषि भूमि (Agricultural Land): ₹2,79,00,000
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गैर-कृषि भूमि (Non-Agricultural Land): ₹9,39,85,000
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पत्नी और HUF के नाम पर कमर्शियल प्रॉपर्टी: ₹5,06,24,000
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खुद, पत्नी और HUF के नाम रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी: ₹18,89,14,600
कुल अचल संपत्ति: ₹36,14,23,600
20 साल में कैसे बढ़ी 30 गुना संपत्ति?
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक:
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2004: ₹1,41,74,401
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2010: ₹4,37,54,559
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2014: ₹9,18,19,151
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2019: ₹37,18,27,109
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2024: ₹41,90,10,509
इन आंकड़ों से साफ है कि हर चुनाव के साथ उनकी संपत्ति में लगातार बढ़ोतरी होती रही है।
राजनीति और संगठन में अहम भूमिका
पंकज चौधरी लंबे समय से बीजेपी के भरोसेमंद नेताओं में गिने जाते हैं। अब उन्हें यूपी बीजेपी की कमान सौंपी गई है, ऐसे में उनकी राजनीतिक ताकत और आर्थिक स्थिति दोनों ही चर्चा में हैं।