Edited By Supreet Kaur,Updated: 16 Oct, 2018 11:26 AM
भारतीय रिजर्व बैंक ने डेटा स्थानीकरण के नियम के अनुपालन की 15 अक्टूबर की समयसीमा को बढ़ाने से इनकार कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि सोमवार तक अमेजन, अलीबाबा और व्हॉट्सएप सहित करीब 80 फीसदी कंपनियां डेटा स्थानीकरण नियमों का अनुपालन कर रही थीं।...
नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक ने डेटा स्थानीकरण के नियम के अनुपालन की 15 अक्टूबर की समयसीमा को बढ़ाने से इनकार कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि सोमवार तक अमेजन, अलीबाबा और व्हॉट्सएप सहित करीब 80 फीसदी कंपनियां डेटा स्थानीकरण नियमों का अनुपालन कर रही थीं। सूत्रों ने हालांकि कहा कि कुछ डेबिट-क्रेडिट कंपनियां अभी डेटा संग्रहण नियमों का अनुपालन नहीं कर पाई हैं और उन्होंने इसकी समयसीमा बढ़ाने का आग्रह किया है। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय बैंक डेटा स्थानीकरण नियमों पर अपनी अधिसूचना की समीक्षा नहीं करने जा रहा है।
रिजर्व बैंक ने अप्रैल में भुगतान के कामकाज में लगी वैश्विक कंपनियों को भारतीय ग्राहकों के लेनदेन के आंकड़े भारत में ही संग्रहीत करके रखने के लिए छह महीने का समय दिया था। भारत में परिचालन कर रही करीब 80 फीसदी कंपनियों ने रिजर्व बैंक के निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित किया है, लेकिन अभी कई वैश्विक वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियां इसका अनुपालन नहीं कर पाई हैं। इन कंपनियों ने रिजर्व बैंक से 15 अक्टूबर की समयसीमा को बढ़ाने का आग्रह किया है। एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक इन चीजों पर मंगलवार से मामला दर मामला आधार पर गौर करेगा।’’ हालांकि, सूत्र ने यह नहीं बताया कि केंद्रीय बैंक अनुपालन नहीं करने के मामले में कार्रवाई करेगा या जुर्माना लगाएगा।
रिजर्व बैंक ने अप्रैल में सर्कुलर जारी कर सभी भुगतान प्रणाली प्रदाताओं से यह सुनिश्चित करने को कहा था कि उनके द्वारा परिचालन वाली प्रणाली से संबंधित डेटा सिर्फ भारत में संग्रहीत किए जाएं। इसके लिए केंद्रीय बैंक ने 15 अक्टूबर की समयसीमा तय की थी। सूत्रों के मुताबिक, वैश्विक वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियां रिजर्व बैंक से बार-बार अंतिम तिथि को 15 अक्टूबर से आगे बढ़ाने की मांग कर रही हैं लेकिन केंद्रीय बैंक डेटा इन नियमों के अनुपालन की समयसीमा को आगे बढ़ाने का इच्छुक नहीं है। डेटा स्थानीकरण का अर्थ है कि देश में रहने वाले नागरिकों के निजी आंकड़ों को एकत्र, प्रसंस्करण और संग्रहीत करके देश के भीतर ही रखा जाए और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थानांतरित करने से पहले स्थानीय निजता कानून या डेटा संरक्षण कानून की शर्तों को पूरा किया जाए।