जन्मदिन विशेषः भजिया के ठेले से रिलायंस तक का सफर, पढ़िए धीरूभाई अंबानी की कहानी

Edited By Updated: 28 Dec, 2017 11:10 AM

dhirubhai ambani birthday special

धीरू भाई एक ऐसा नाम है जिन्होंने सफलता के कई झंडे स्थापित किए। धीरूभाई अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज की स्थापना करने वाले थे। अपनी कड़ी मेहनत, सटीक स्‍ट्रैटेजी और सूझबूझ के चलते उन्‍होंने रिलायंस जैसा बड़ा करोबार खड़ा किया। गरीबी से लेकर अमीरी तक का सफर...

नई दिल्लीः धीरू भाई एक ऐसा नाम है जिन्होंने सफलता के कई झंडे स्थापित किए। धीरूभाई अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज की स्थापना करने वाले थे। अपनी कड़ी मेहनत, सटीक स्‍ट्रैटेजी और सूझबूझ के चलते उन्‍होंने रिलायंस जैसा बड़ा करोबार खड़ा किया। गरीबी से लेकर अमीरी तक का सफर तय करने वाले इस बिजनेस टायकून का जन्म आज ही के दिन हुआ था। जानिए धीरूभाई अंबानी से जुड़ी कुछ रौचक बातें।

जन्म और शुरुआती जीवन
धीरूभाई का जन्म 28 दिसम्बर, 1932 को गुजरात के चोरवाद शहर में हुआ था। इनका पूरा नाम धीरजलाल हीरालाल अंबानी था। जिन्हें सभी धीरुभाई नाम से बुलाते थे। उनके पिता एक स्कूल में शिक्षक थे। धीरूभाई अंबानी ने माउंट गिरनार में तीर्थयात्रियों के लिए भाजी (सब्जी) बेचकर अपने पिता की मदद करते थे। 18 साल की उम्र में धीरूभाई की दूसरे देश यमन के एडन शहर में एक कंपनी में नौकरी लग गई थी और वे यमन चले गए। धीरुभाई ने साल 1955 में कोकिलाबेन से शादी की जिनसे उन्हें दो बेटे मुकेश और अनिल अंबानी हुए इनके अलावा उन्हें दो बेटियाँ नीना और दीप्ति भी हुईं।

भारत वापसी
साल 1958 में धीरुभाई भारत वापस आए और मात्र 15000 की पूंजी के साथ रिलायंस कमर्शियल कॉरपोरेशन की शुरुआत की। रिलायंस कमर्शियल कॉरपोरेशन का प्राथमिक व्यवसाय पोलिएस्टर के सूत का आयात और मसालों का निर्यात करना होता था। उनका यह बिजनेस उनके चचेरे भाई चंपकलाल के साथ पार्टनरशिप से शुरु हुआ था।  कुछ समय बाद चंपकलाल दिमानी और धीरुभाई अंबानी की साझेदारी खत्म हो गई और धीरुभाई ने सारा काम खुद संभाला।

जीवन के अंतिम पल
कपड़े बिक्री करने का सही तरीका होने के कारण धीरुभाई ने साल 1966 में अहमदाबाद के नैरोड़ा में कपड़ा मिल की शुरुआत की। धीरुभाई ने विमल ब्रांड की शुरुआत की जो की उनके बड़े भाई रमणिकलाल अंबानी के बेटे विमल अंबानी के नाम पर रखा गया था। साल 1975 में विश्व बैंक के एक तकनीकी मंडली ने ‘रिलायंस टेक्सटाइल्स’ निर्माण इकाई का दौरा किया। इकाई की खासियत यह थी की इसे उस समय में “विकसित देशों के मानकों से भी उत्कृष्ट” माना जाता था। धीरूभाई का निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ था। उन्हें 24 जून, 2002 को मुंबई के कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 6 जुलाई, 2002 को धीरुभाई अंबानी ने अपनी अंतिम सांस ली। धीरूभाई की मौत के बाद उनके दोनों बेटों ने कारोबार को आपस में बांट लिया। मौजूदा समय में उनके बड़े बेटे मुकेश अंबानी देश के सबसे रईस व्‍यक्ति हैं। उनके छोटे बेटे अनिल अंबानी भी देश के टॉप रईस लोगों में शुमार हैं।

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