Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Nov, 2025 11:40 AM

सरकार ने जीएसटी के तहत कारोबारियों को आसान और पारदर्शी प्रक्रिया देने की कोशिश की लेकिन कुछ लोगों ने इसका गलत फायदा उठाया। हाल ही में ऐसा ही एक बड़ा फर्जी जीएसटी रिफंड गिरोह पकड़ा गया, जहां बिना किसी माल आपूर्ति या कंपनी के ही रिफंड के नाम पर सरकार...
बिजनेस डेस्कः सरकार ने जीएसटी के तहत कारोबारियों को आसान और पारदर्शी प्रक्रिया देने की कोशिश की लेकिन कुछ लोगों ने इसका गलत फायदा उठाया। हाल ही में ऐसा ही एक बड़ा फर्जी जीएसटी रिफंड गिरोह पकड़ा गया, जहां बिना किसी माल आपूर्ति या कंपनी के ही रिफंड के नाम पर सरकार से 645 करोड़ रुपए वसूल लिए गए। इसके लिए 229 फर्जी कंपनियां बनाई और इन कंपनियों के नाम पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) वसूला।
वित्त मंत्रालय के अनुसार, जीएसटी आसूचना महानिदेशालय (DGGI) ने दिल्ली-एनसीआर में कई जगहों पर छापेमारी की। जांच में पता चला कि यह फर्जी कंपनियां बिना किसी वास्तविक माल या सेवा की सप्लाई किए फर्जी चालान जारी कर रही थीं और इनके आधार पर ITC का दावा करके सरकार से भारी रकम निकाल ली गई थी।
तलाशी में मिले चौंकाने वाले सबूत
तलाशी अभियान के दौरान बरामद किए गए सामानो में 162 मोबाइल फोन शामिल थे, जिनका उपयोग संभवतः जीएसटी और बैंकिंग उद्देश्यों के लिए ओटीपी प्राप्त करने में किया गया था। इसके अलावा 44 डिजिटल हस्ताक्षर और विभिन्न फर्मों की 200 से अधिक चेक बुक भी बरामद की गईं। इन कंपनियों और चेकबुक के जरिये ही फर्जीवाड़ा करने वाले अपने कारोबार को दर्शाते थे और इन कंपनियों के नाम पर फर्जी बिल बनाकर आईटीसी वसूलते थे।
फर्जीवाड़ा कैसे चलता था?
- गिरोह की चालाकी ITC पर आधारित थी।
- एक कंपनी के नाम पर कच्चे माल की फर्जी खरीद दिखाते, जिस पर ऊंची दर से GST लगता।
- अपनी ही दूसरी कंपनी के नाम पर तैयार माल की फर्जी सप्लाई दिखाते, जिस पर कम GST होता।
- दोनों के बीच के टैक्स अंतर को इनपुट टैक्स क्रेडिट के रूप में दावा कर लेते।
- इस तरह बिना कोई वास्तविक लेन-देन किए सरकार से 645 करोड़ रुपए निकाल लिए गए।
पिछले साल भी हुआ था बड़ा फ्रॉड
ITC के जरिए GST में सेंध लगाने का यह सिलसिला नया नहीं है। 2024-25 में देश भर में 25,000 से ज़्यादा फर्जी ITC क्लेम के मामले सामने आए। इसमें कुल 1.95 लाख करोड़ रुपए का धोखाधड़ी की गई। GST लागू होने के बाद से अब तक 5 लाख करोड़ रुपए तक फर्जी ITC क्लेम किए जाने का अनुमान है। रिकवरी की कार्रवाई जारी है लेकिन कुल फर्जीवाड़े की तुलना में वसूली अब भी बहुत कम है।