Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Sep, 2025 02:57 PM

म्यूचुअल फंडों के रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (आरईआईटी) में निवेश को इक्विटी के रूप में वर्गीकृत करने का बाजार नियामक सेबी के फैसला एक प्रगतिशील कदम है। उद्योग जगत के विशेषज्ञों ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि इससे निवेशकों की भागीदारी बढ़ेगी और आरईआईटी...
नई दिल्लीः म्यूचुअल फंडों के रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (आरईआईटी) में निवेश को इक्विटी के रूप में वर्गीकृत करने का बाजार नियामक सेबी के फैसला एक प्रगतिशील कदम है। उद्योग जगत के विशेषज्ञों ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि इससे निवेशकों की भागीदारी बढ़ेगी और आरईआईटी को मजबूती मिलेगी। आरईआईटी में म्यूचुअल फंड योजनाओं द्वारा निवेश बढ़ाने के लिए सेबी बोर्ड ने पिछले सप्ताह सेबी (म्यूचुअल फंड) विनियम, 1996 में संशोधनों को मंजूरी दी थी। इसके तहत म्यूचुअल फंड और विशेषीकृत निवेश फंडों द्वारा निवेश के लिए आरईआईटी को इक्विटी के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा। दूसरी ओर इनविट के लिए हाइब्रिड वर्गीकरण जारी रहेगा।
भारतीय रीट्स एसोसिएशन (आईआरए) के साथ ही सूचीबद्ध रीट्स संस्थाओं, सत्व-ब्लैकस्टोन प्रायोजित नॉलेज रियल्टी ट्रस्ट, के रहेजा प्रायोजित माइंडस्पेस रीट्स, एम्बेसी रीट्स और ब्रुकफील्ड इंडिया रियल एस्टेट ट्रस्ट के शीर्ष अधिकारियों ने इस फैसले की सराहना की है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से रियल एस्टेट क्षेत्र में समग्र निवेश को बढ़ावा मिलेगा और भारत में अधिक आरईआईटी सूचीबद्ध होंगे।
नॉलेज रियल्टी ट्रस्ट के सीईओ शिरीष गोडबोले ने कहा कि यह एक प्रगतिशील कदम है, जो भारत के रियल एस्टेट क्षेत्रों के लिए पूंजी के व्यापक स्रोतों को खोलेगा। माइंडस्पेस आरईआईटी के प्रबंध निदेशक और सीईओ रमेश नायर ने कहा कि इससे नकदी बढ़ेगी और भारतीय आरईआईटी बाजार मजबूत होगा।