Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 May, 2020 10:02 AM
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने कहा है कि कोविड-19 महामारी की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था गहरे संकट में है ओर सरकार को तत्काल 15 लाख करोड़ रुपए या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी
नई दिल्लीः भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने कहा है कि कोविड-19 महामारी की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था गहरे संकट में है ओर सरकार को तत्काल 15 लाख करोड़ रुपए या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 7.5 प्रतिशत के बराबर राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए।
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MSME को उबारे संकट से
सीआईआई की शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 ने दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं को काफी तेज झटका दिया है और भारत इसमें कोई अपवाद नहीं है। इस साल भारतीय अर्थव्यवस्था में गिरावट आएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार की ओर से एक बड़े प्रोत्साहन पैकेज दिए जाने की जरूरत है, जिससे गरीबों और उद्योग विशेषरूप से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) को संकट से उबारा जा सके।
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अर्थव्यवस्था सुधार में लगेंगे करीब दो साल
सीआईआई ने कहा कि यह महामारी तब तक कायम रहेगी जब तक कि इसकी वैक्सीन नहीं बन जाती और इसमें 12 से 18 माह का समय लग सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अर्थव्यवस्था में सुधार की प्रक्रिया में भी करीब दो साल लगेंगे। ऐसे में तत्काल वित्तीय पैकेज जारी करने की जरूरत है।
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सीआईआई के अध्यक्ष विक्रम किर्लोस्कर ने कहा, ‘‘आर्थिक गतिविधियों पर अंकुश के 50 दिन हो चुके हैं। इसका अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर हमारे पहले के अनुमान से कहीं अधिक रहने का अंदेशा है। इसकी भरपाई बड़े प्रोत्साहन पैकेज से की जा सकती है, जिससे रोजगार और आजीविका को बचाया जा सके। सीआईआई का सुझाव है कि सरकार को 15 लाख करोड़ रुपए का प्रोत्साहन पैकेज जारी करना चाहिए, जो जीडीपी के 7.5 प्रतिशत के बराबर होगा।''