तिलहन उत्पादन बढ़ाने के लिए कदम उठा रही सरकार, विश्व स्तर पर भारतीय मोटे अनाज को बढ़ावा दें: गोयल

Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Feb, 2022 11:36 AM

government taking steps to increase oilseed production promote indian

खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को कहा कि घरेलू तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने और खाद्य तेलों के आयात को कम करने के लिए सरकार के प्रयासों के तहत 10 राज्यों के 100 जिलों में तिलहन की खेती के लिए धान की खेती के बाद परती छोड़...

नई दिल्लीः खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को कहा कि घरेलू तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने और खाद्य तेलों के आयात को कम करने के लिए सरकार के प्रयासों के तहत 10 राज्यों के 100 जिलों में तिलहन की खेती के लिए धान की खेती के बाद परती छोड़ दी जाने वाली लगभग 4 लाख हेक्टेयर भूमि का उपयोग किया जाएगा।

मंत्री 'स्मार्ट कृषि: मोटे अनाज के गौरव को वापस लाना: खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता की ओर' विषय पर एक वेबिनार को संबोधित कर रहे थे। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि तिलहन के 230 अधिक उपज वाले जिलों की पहचान की गई है। एक सरकारी बयान में गोयल के हवाले से कहा गया है कि दो फसलों के बीच के खाली समय में तिलहन खेती के लिए, अगले 5 वर्षों में लगभग 20 लाख हेक्टेयर रकबे को लाया जाएगा।

व्यापार आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2021 को समाप्त हुए विपणन वर्ष 2020-21 के दौरान भारत ने 1.17 लाख करोड़ रुपये के खाद्य तेलों का आयात किया। मंत्री ने कहा कि मोटे अनाज पर जोर देने के साथ ही भारत योग की तरह अपनी जड़ों की ओर वापस जा रहा है। गोयल ने कहा, ‘‘मोटे अनाज के गौरव को वापस लाने से देश 3 क्षेत्रों- खाद्य, पोषण और अर्थव्यवस्था में आत्मनिर्भर हो जाएगा।’’ भारत को मोटे अनाज का एक प्रमुख निर्यातक बनाने के लिए चार मंत्र सुझाते हुए उन्होंने कहा, विभिन्न राज्य, मोटे अनाज पर ध्यान केंद्रित करते हुए फसल विविधीकरण के लिए कर्नाटक के फल मॉडल की सफलता को अपना सकते हैं।

इसके अलावा, मोटे अनाज के जैव-पोषक तत्व संवर्धन में गुणवत्ता और सहायता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से नवीनतम तकनीक प्रदान करने के लिए कृषि स्टार्टअप के साथ सहयोग करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बाजरा के स्वास्थ्य और पोषण लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए अभियान चलाया जाना चाहिए। ब्रांड इंडिया मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय पहुंच कायम करने की भी आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि देश सभी नौ सामान्य मोटे अनाज का उत्पादन करता है और यह दुनिया में मोटे अनाज का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक तथा दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सुधार किए हैं जिससे किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खाद्यान्न की सबसे अधिक खरीद हुई है। उन्होंने कहा, “आज, भारत आत्मानिर्भर बनने की राह पर है। इस मिशन में सरकार बेहतरीन फसल वाले आत्मनिर्भर किसान की छवि को साकार करने की दिशा में काम कर रही है।

कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (डीएआरई) के सचिव और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक, टी महापात्रा ने कहा कि वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि फसल कटाई के बाद मूल्यवर्धन, घरेलू खपत बढ़ाने और मोटे अनाज उत्पादों की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग के लिए सहायता प्रदान की जाएगी। रागी, ज्वार और बाजरा कुछ महत्वपूर्ण मोटे अनाज हैं।
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!