चार महत्त्वपूर्ण खनिजों के निर्यात पर सरकार लगाएगी रोक

Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Aug, 2023 02:25 PM

government will ban the export of four important minerals

रक्षा, अंतरिक्ष और बैटरी स्टोरेज उद्योगों के लिए जरूरी खनिजों के मामले में देश की आत्मनिर्भरता बढ़ाने के मकसद से सरकार चार प्रमुख खनिजों ली​थियम, बेरीलियम, नियोबियम और टैंटलम के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की सोच रही है। वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने...

नई दिल्लीः रक्षा, अंतरिक्ष और बैटरी स्टोरेज उद्योगों के लिए जरूरी खनिजों के मामले में देश की आत्मनिर्भरता बढ़ाने के मकसद से सरकार चार प्रमुख खनिजों ली​थियम, बेरीलियम, नियोबियम और टैंटलम के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की सोच रही है। वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने बताया, ‘राष्ट्रीय सुरक्षा और तकनीकी प्रगति के लिहाज से अहम क्षेत्रों के लिए ये खनिज बहुत जरूरी हैं। इसलिए सरकार इनके निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रही है।’ यह योजना तब सामने आई है, जब सरकार ने जम्मू के रियासी जिले में मिले 59 लाख टन लीथियम भंडार की नीलामी इसी साल करा लेने का निर्णय ले चुकी है। 

परमाणु ऊर्जा विभाग ने चिंता जताई थी कि निजी इकाइयां खनन करने के बाद देश से परमाणु खनिजों का निर्यात कर सकती हैं। इस पर खान मंत्रालय ने देश के भीतर निकाले गए खनिजों के निर्यात पर को लगाने का प्रस्ताव रखा है। इस फैसले के लिए भागदौड़ करने वाला खान मंत्रालय नीति में बदलाव की औपचारिक सूचना विदेश व्यापार महानिदेशालय को देने जा रहा है।

फिलहाल भारत इन चारों खनिजों की जरूरत आयात के जरिए पूरी करता है। मगर इन खनिजों की कुछ मात्रा प्रसंस्करण के बाद निर्यात भी की जाती है। इसलिए अभी यह तय नहीं है कि प्रसंस्कृत खनिजों के निर्यात की इजाजत दी जाएगी या नहीं। एक वरिष्ठ अ​धिकारी ने कहा, ‘देश में निकाले गए खनिजों के निर्यात पर रोक लगाए जाने की संभावना ज्यादा है। मगर इस बारे में आखिरी फैसला वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय लेगा।’

यह निर्णय खान एवं खनिज (विकास एवं नियमन) संशोधन विधेयक, 2023 को संसद में ऐतिहासिक मंजूरी मिलने के बाद आया है। 2 अगस्त को पारित विधेयक से 29 दुर्लभ मृदा और महत्त्वपूर्ण खनिजों के उत्खनन में निजी क्षेत्र की भागीदारी का रास्ता खुला है। विधेयक के तहत इन चार प्रमुख खनिजों समेत 6 परमाणु खनिजों की खोज एवं खनन के लिए निजी क्षेत्रों को पहली बार अनुमति दी गई है।

कार्बन उर्त्सजन कम करने के संकल्प के तहत देश स्वच्छ ऊर्जा तकनीक को बढ़ावा दे रहा है। ऐसे में इन खनिजों की मांग बढ़ी है और इनके आयात पर लाखों डॉलर खर्च करने पड़ रहे हैं। इन खनिजों के निर्यात पर पाबंदी लगने से देश में आपूर्ति श्रृंखला तैयार हो सकेगी।

इन खनिजों को न भारत में ही नहीं बल्कि प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में भी महत्त्वपूर्ण माना गया है। ली​थियम और नियोबियम को ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, कनाडा, जापान और द​क्षिण कोरिया में जरूरी खनिज का दर्जा दिया गया है। कनाडा और ब्रिटेन के अलावा इन सभी देशों ने बेरीलियम को भी इसी श्रेणी में रखा है। टैंटलम को अमेरिका ने इस सूची से बाहर कर दिया है।

हर देश अपने आ​र्थिक विकास, उद्योग की जरूरतों, राष्ट्र हित, सुरक्षा चिंता, तकनीक, बाजार में बदलाव आदि के आधार पर महत्त्वपूर्ण खनिजों की अपनी सूची तैयार करता है। लेकिन आ​र्थिक महत्त्व और आपूर्ति जो​खिम इसमें दो अहम पैमाने हैं।

भारत के लिए महत्त्वपूर्ण खनिजों की सूची 28 जून को जारी की गई थी। इसके तहत लीथियम, बेरीलियम और नियोबियम को उच्च आ​र्थिक महत्त्व और आपूर्ति जो​खिम वाला माना गया है मगर टैंटलम को केवल आपूर्ति जोखिम की श्रेणी में ही माना गया है।

फिलहाल भारत इन खनिजों का आयात रूस, चीन, ऑस्ट्रेलिया, बे​ल्जियम तथा द​क्षिण अफ्रीका के साथ अमेरिका एवं ब्रिटेन आदि देशों से भी करता है। रक्षा, अंतरिक्ष और बैटरी स्टोरेज के अलावा इन खनिजों का इस्तेमाल ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, ऊर्जा तथा सेमीकंडक्टर विनिर्माण में भी होता है।
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!