आयकर, जीएसटी कटौती से अतिरिक्त राजकोषीय समर्थन की गुंजाइश सीमितः मूडीज

Edited By Updated: 25 Nov, 2025 04:25 PM

income tax and gst cuts limit scope for additional fiscal support moody s

वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने मंगलवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में आयकर और जीएसटी में की गई कटौतियों ने सरकार की राजस्व वृद्धि को कमजोर कर दिया है जिससे अर्थव्यवस्था को अतिरिक्त वित्तीय समर्थन देने की गुंजाइश सीमित हो गई है। मूडीज रेटिंग्स के...

नई दिल्लीः वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने मंगलवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में आयकर और जीएसटी में की गई कटौतियों ने सरकार की राजस्व वृद्धि को कमजोर कर दिया है जिससे अर्थव्यवस्था को अतिरिक्त वित्तीय समर्थन देने की गुंजाइश सीमित हो गई है। मूडीज रेटिंग्स के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ क्रेडिट अधिकारी (सरकारी जोखिम) मार्टिन पेट्च ने एक वेबिनार में कहा, “राजस्व वृद्धि अपेक्षा से काफी कमजोर रही है। पिछले महीनों में जो कर कटौती हुई है, उसका भी राजस्व संग्रह पर असर पड़ा है। इसी वजह से वित्तीय सशक्तीकरण पर दबाव बढ़ा है और अतिरिक्त प्रोत्साहन देने की गुंजाइश घट गई है।” 

महालेखा नियंत्रक (सीजीए) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर, 2025 के अंत तक शुद्ध कर राजस्व घटकर 12.29 लाख करोड़ रुपए रहा, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 12.65 लाख करोड़ रुपए था। यह सरकार के वर्ष 2025-26 के बजट अनुमान का सिर्फ 43.3 प्रतिशत है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 49 प्रतिशत लक्ष्य हासिल हुआ था। सरकार ने इस वर्ष बजट में नए कर ढांचे के तहत आयकर छूट सीमा सात लाख रुपए से बढ़ाकर 12 लाख रुपए कर दिया था। इससे मध्यम वर्ग को लगभग एक लाख करोड़ रुपए की कर राहत मिली है। 

इसके अलावा, 22 सितंबर से करीब 375 वस्तुओं पर जीएसटी दरें भी घटा दी गईं, जिससे उपभोक्ता वस्तुएं सस्ती हुईं और मांग बढ़ाने का प्रयास किया गया। पेट्च ने कहा कि मुद्रास्फीति घटने और मौद्रिक नीति में नरमी से घरेलू उपभोग के और मजबूत होने की उम्मीद है। भारतीय रिजर्व बैंक ने जून में नीतिगत ब्याज दरों में 0.50 प्रतिशत की कटौती कर उन्हें 5.5 प्रतिशत के तीन वर्ष के निचले स्तर पर ला दिया था। अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति गिरकर 0.25 प्रतिशत के रिकॉर्ड निम्न स्तर पर पहुंच गई। उन्होंने कहा कि घरेलू खपत और अवसंरचना निवेश भारत की आर्थिक वृद्धि के मुख्य कारक बने हुए हैं और यह अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत आयात शुल्क के असर को काफी हद तक संतुलित करेंगे। 

हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यदि ये शुल्क लंबे समय तक जारी रहे, तो निवेश पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। मूडीज ने पिछले सप्ताह अनुमान जताया था कि भारत की अर्थव्यवस्था वर्ष 2025 में सात प्रतिशत और अगले वर्ष 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। 

Related Story

    IPL
    Royal Challengers Bengaluru

    190/9

    20.0

    Punjab Kings

    184/7

    20.0

    Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

    RR 9.50
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!