रूस से कच्चा तेल खरीदने में भारत बना नंबर-1, प्राइवेट कंपनियों ने मारी बाजी, सरकारी कंपनियां दौड़ से बाहर

Edited By Updated: 26 Jun, 2025 11:21 AM

india became number 1 in buying crude oil from russia private companies won

भारत साल 2025 में रूस से समुद्री रास्ते से कच्चा तेल आयात करने वाला सबसे बड़ा देश बन गया है। खास बात यह है कि रूस के प्रमुख कच्चे तेल ग्रेड यूरल्स (Urals) का करीब 80% हिस्सा अकेले भारत ने खरीदा है और वो भी सिर्फ दो निजी कंपनियों के ज़रिए रिलायंस...

बिजनेस डेस्कः भारत साल 2025 में रूस से समुद्री रास्ते से कच्चा तेल आयात करने वाला सबसे बड़ा देश बन गया है। खास बात यह है कि रूस के प्रमुख कच्चे तेल ग्रेड यूरल्स (Urals) का करीब 80% हिस्सा अकेले भारत ने खरीदा है और वो भी सिर्फ दो निजी कंपनियों के ज़रिए रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और नायरा एनर्जी लिमिटेड। सरकारी तेल कंपनियां इस रेस में पिछड़ गई हैं।

डेटा फर्म केप्लर के अनुसार, भारत ने 2025 में अब तक (24 जून तक) रूस से 23.1 करोड़ बैरल यूरल्स तेल खरीदा है। इस खरीद में अकेले रिलायंस का हिस्सा 7.7 करोड़ बैरल है, जिससे वह दुनिया की सबसे बड़ी यूरल्स आयातक बन गई है। नायरा एनर्जी की खरीद में यूरल्स का हिस्सा 72% तक पहुंच गया है।

रूस-भारत सौदे में चीन पिछड़ा

जहां पहले चीन की टीपॉट कंपनियां रूस से ज्यादा तेल खरीदती थीं, अब वहां टैक्स नियमों की सख्ती और मांग में गिरावट से खरीद घट गई है। इसका फायदा भारत को मिला है।

सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी घटी

IOC, BPCL और HPCL जैसी सरकारी कंपनियां भुगतान संबंधी जटिलताओं के कारण रूस से अधिक तेल नहीं खरीद पा रही हैं। इससे उन्हें कम डिस्काउंट पर तेल खरीदना पड़ रहा है- जहां पहले $4 प्रति बैरल छूट मिलती थी, अब यह घटकर $2 रह गई है।

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