आगामी वर्षों में भारत बहुत तेज वृद्धि के लिए तैयार: डब्ल्यू.ई.एफ.

Edited By Parveen Kumar,Updated: 27 May, 2023 06:58 PM

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विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यू.ई.एफ.) के अध्यक्ष बोरगे ब्रेंडे का कहना है कि इस साल दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत की वृद्धि दर सबसे अधिक रहने की उम्मीद है।

बिजनेस डेस्क: विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यू.ई.एफ.) के अध्यक्ष बोरगे ब्रेंडे का कहना है कि इस साल दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत की वृद्धि दर सबसे अधिक रहने की उम्मीद है। भारत की अर्थव्यवस्था में 'प्रसिद्ध स्नोबॉल इफैक्ट' देखने को मिल रहा है जिससे अधिक निवेश और अधिक नौकरियां पैदा होंगी। ब्रेंडे ने कहा, 'भारत में ऐसे सुधार हुए हैं जिनकी वजह से लालफीताशाही कम हुई है, निवेश के लिए बेहतर माहौल बना है और भारत में डिजिटल क्रांति भी वास्तव में हो रही है।'

उन्होंने जोर देकर कहा कि वह भारत के विकास को को लेकर 'बहुत उत्साही और आशावादी' हैं, लेकिन वैश्विक वृद्धि पर वह इतने आशावादी नहीं हैं। भारत जो वर्तमान में जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है, दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और डब्ल्यू.ई.एफ. का पिछले कई वर्षों से देश के साथ घनिष्ठ सहयोग रहा है। उन्होंने कहा, 'जब बर्फ का  गोला लुढ़कना शुरू होता है तो यह बड़ा और बड़ा होता जाता है और भारतीय अर्थव्यवस्था के साथ यही हो रहा है। भारत की संक्षिप्त यात्रा पर आए ब्रेंडे ने मौजूदा सहयोग के साथ-साथ हितधारकों के साथ भारत की जी-20 अध्यक्षता के बारे में चर्चा की।

उन्होंने विभिन्न केंद्रीय मंत्रियों और कंपनी के अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि विकासशील देशों के देशों को भारत से कुछ सीखना है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और यह उद्यमियों और नवोन्मेषकों तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ एक खुला समाज भी है। इसके अलावा, ब्रेंडे ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत में किसी भी अन्य विकासशील देश की तुलना में स्टार्टअप का एक व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र है और यह बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह कुछ ऐसा है जिससे अन्य देश भी प्रेरित हो सकते हैं।

प्रस्तावित कार्बन कर का भारत के साथ व्यापार संबंधों पर असर नहीं: यूरोपीय संघ

दूसरी ओर, यूरोपीय संघ के जलवायु नीति प्रमुख फ्रांस टिमरमन्स ने शुक्रवार को कहा कि यूरोपीय संघ के प्रस्तावित कार्बन कर का भारत के साथ उसके व्यापार संबंधों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा और वह ऐसा कुछ नहीं करेगा जो विश्व व्यापार संगठन के नियमों का उल्लंघन हो।
यूरोपीय संघ ने स्टील, सीमेंट, एल्यूमीनियम, लोहा, उर्वरक, बिजली और हाइड्रोजन जैसे उच्च कार्बन सामानों पर 25 से 30 प्रतिशत का कार्बन आयात कर लागू करने की योजना बनाई है।

मार्च तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमानः इक्रा

क्रेडिट रेटिंग एजैंसी इक्रा ने वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) की वृद्धि दर 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान जताते हुए कहा है कि सेवा क्षेत्र के बढ़िया प्रदर्शन से इसे मजबूती मिलने की उम्मीद है। इक्रा रेटिंग्स ने जनवरी-मार्च 2023 की अवधि के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान जारी किया है। इसके पहले अक्टूबर-दिसंबर 2022 की तिमाही में वृद्धि दर 4.4 प्रतिशत रही थी।

राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एन.एस.ओ.) मार्च तिमाही के साथ समूचे वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी आंकड़े 31 मई को जारी करेगा। इक्रा ने कहा कि मार्च तिमाही में सेवा क्षेत्र का सकल मूल्य-वर्द्धन (जीवीए) मामूली बढ़त के साथ करीब 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि दिसंबर तिमाही में यह 6.2 प्रतिशत रहा था। चौथी तिमाही में सेवा क्षेत्र के 14 में से नौ संकेतकों में बढ़त होने की संभावना है।

रेटिंग एजैंसी की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 की अंतिम तिमाही में भी आर्थिक गतिविधि असमान बनी रही। वाणिज्य उत्पादों में आई गिरावट के बीच सेवाओं का निर्यात अच्छा और सेवाओं की घरेलू मांग भी बढ़िया रही है। इक्रा रेटिंग्स ने कहा कि रकबा बढ़ने, बुवाई की जल्द शुरुआत और उर्वरकों की उपलब्धता सुधरने से रबी फसलों की पैदावार भी अच्छी रही है। हालांकि बेमौसम बारिश ने कुछ फसलों के उत्पादन पर नकारात्मक असर डाला है।

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