भारत को RCEP में शामिल करने के लिए लंबित मुद्दों को हल किया जाना चाहिए: सिंगापुर मंत्री

Edited By Supreet Kaur,Updated: 16 Nov, 2019 05:07 PM

issues pending for inclusion of india in rcep should be resolved

सिंगापुर ने उम्मीद जताई है कि भारत को क्षेत्रीय वृहद आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) में होने वाले समझौते में भारत को शामिल करने के लिए उसके द्वारा उठाए गए लंबित मुद्दों को हल करेंगे। सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा पर संयोजन मंत्री टियो ची...

सिंगापुरः सिंगापुर ने उम्मीद जताई है कि भारत को क्षेत्रीय वृहद आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) में होने वाले समझौते में भारत को शामिल करने के लिए उसके द्वारा उठाए गए लंबित मुद्दों को हल करेंगे। सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा पर संयोजन मंत्री टियो ची हीन ने शनिवार को कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि भारत और 15 अन्य देश बकाया मुद्दों को हल करने में सफल रहेंगे। अंतत: भारत में इसमें शामिल होगा। इससे एक बड़ा दक्षिण एशियाई बाजार आरसीईपी में आएगा। हम चाहते हैं कि भारत सहित पूरा क्षेत्र एक साथ मिलकर आगे बढ़े।‘'

बैंकॉक में आसियान की हालिया बैठक में भारत ने आरसीईपी में शामिल नहीं होने की घोषणा की थी। वहीं चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया और आसियान के सदस्यों सहित 15 देशों में करार के लिए सहमति बनी थी। लेकिन भारत उसकी चिंताओं का समाधान नहीं हो पाने की वजह से समझौते पर हस्ताक्षर के लिए सहमत नहीं हुआ। भारत की चिंता है कि चीन के प्रभुत्व वाले आरसीईपी से उसके किसानों और छोटे उद्योगों को नुकसान पहुंचेगा।

हीन ने दक्षिण एशियाई प्रवासी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा पहले से आसियान- भारत शुल्क मुक्त व्यापार करार है। यह 2010 से अस्तित्व में है। हालांकि, क्षेत्र में अभी और संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि भारत और सिंगापुर ‘‘हमारे राष्ट्रीय एकल खिड़की मंच को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे सीमापार व्यापार सूचनाओं का डिजिटल तरीके से आदान प्रदान किया जा सकेगा।'' उन्होंने इस संबंध में भारत के रुपे और सिंगापुर के एनईटीएस के बीच गठबंधन का उदाहरण देते हुए कहा कि सीमा पार भुगतान की सुविधा के लिये पिछले साल इसकी शुरुआत की गई।

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