Ranbaxy के पूर्व प्रमोटरों मलविंदर, शिविंदर सिंह को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका

Edited By Supreet Kaur,Updated: 15 Oct, 2019 09:58 AM

malvinder shivinder singh got a big blow from delhi high court

मशहूर दवा कंपनी रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर भाइयों मलविंदर मोहन सिंह और शिविंदर सिंह को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट ने फोर्टिस हेल्थकेयर की ओर से दायर याचिका पर सिंह बंधुओं के साथ ही उनसे जुड़ी एंटिटीज ...

नई दिल्लीः मशहूर दवा कंपनी रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर भाइयों मलविंदर मोहन सिंह और शिविंदर सिंह को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट ने फोर्टिस हेल्थकेयर की ओर से दायर याचिका पर सिंह बंधुओं के साथ ही उनसे जुड़ी एंटिटीज को भी समन जारी किए हैं। फोर्टिस ने उस बकाया रकम की रिकवरी के लिए याचिका दायर की है जिसे कथित तौर पर पूर्व प्रमोटर्स ने हड़पा था।
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इंटर कॉर्पोरेट डिपॉजिट में पाई गई गड़बड़ियां
कोर्ट के समन के अनुसार, सिंह बंधुओं को फोर्टिस की ओर से दायर मामले के 30 दिनों के अंदर अपना जवाब देना है। इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 22 अक्टूबर है। फोर्टिस के अकाउंट्स की लॉ फर्म लूथरा एंड लूथरा की ओर से की गई एक जांच में कुछ इंटर कॉर्पोरेट डिपॉजिट (ICD) में 'गड़बड़ियां' पाई गई थीं। इन ICD का इस्तेमाल बॉरोअर्स ने उन एंटिटीज को लोन देने या लोन के भुगतान के लिए किया था जिनके डायरेक्टर सिंह बंधुओं से जुड़े थे। जून 2018 में रवि राजगोपाल की अगुवाई में फोर्टिस के नए बोर्ड ने इस जांच की रिपोर्ट जारी की थी।
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मलविंदर और शिविंदर सिंह को किया गिरफ्तार
बता दें कि शिविंदर सिंह और मलविंदर सिंह को दिल्ली इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने पिछले दिनों धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया था। इसी मामले में शिविंदर सिंह और मलविंदर सिंह के साथ रेलिगेयर के पूर्व सीएमडी ​सुनील गोधवानी समेत दो ​अन्य लोगों ​की भी गिरफ्तारी हुई है। दिल्ली इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने इन्हें 740 करोड़ रुपए के फ्रॉड मामले में गिरफ्तार किया है।
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सिंह बंधुओं पर 403 करोड़ का बकाया
सेबी ने पिछले वर्ष 17 अक्टूबर को एक आदेश में फोर्टिस को पूर्व प्रमोटर्स मलविंदर और शिविंदर सिंह और विभिन्न प्रमोटर कंपनियों से 90 दिनों के अंदर 403 करोड़ रुपए की रकम बकाया ब्याज के साथ वसूलने के लिए जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया था। इसके बाद फोर्टिस ने सेबी से अपने पूर्व प्रमोटर्स की गिरफ्तारी का आदेश देने को भी कहा था, क्योंकि वे सेबी के निर्देश के अनुसार डायवर्ट की गई रकम को लौटाने में नाकाम रहे थे। फोर्टिस ने सेबी से उस कानून का इस्तेमाल करने को कहा था जिसके तहत एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर जेल में रखा जा सकता है। 

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