Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Apr, 2019 05:04 PM
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) के अस्तित्व को लेकर उठ रही शंकाओं के बीच इसके चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पी के पुरवार ने कहा है कि एमटीएनएल के एक वहनीय दूरसंचार
नई दिल्लीः सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) के अस्तित्व को लेकर उठ रही शंकाओं के बीच इसके चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पी के पुरवार ने कहा है कि एमटीएनएल के एक वहनीय दूरसंचार आपरेटर के तौर पर बने रहना दूरसंचार ग्राहकों और बाजार दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आज कि दूरसंचार बाजार में गलाकाटा प्रतिस्पर्धा के बावजूद भी एमटीएनएल ने अपनी पहचान नहीं खोई है और उसका महत्व बना हुआ है।
पुरवार की ओर से की गई यह टिप्पणी इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि सार्वजनिक क्षेत्र की एमटीएनएल और बीएसएनएल दोनों ही भारी कर्ज बोझ तले दबी हैं। यही वजह है कि इन कंपनियों को अपने स्टाफ का वेतन और दूसरी देनदारियां निपटाने में समस्या आड़े आने लगी है। दूरसंचार क्षेत्र में रिलायंस जियो, भारतीय एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के बीच जारी गला काटा प्रतिस्पर्धा के बीच सरकार इन दोनों उपक्रमों के लिये एक पुनरूद्धार पैकेज तैयार करने में जुटी है।
पुरवार ने कहा, ‘‘आज भी दिल्ली और मुंबई सर्किल में लैंडलाइन फोन के बाजार में एमटीएनएल का 50 प्रतिशत से अधिक बाजार हिस्सा है। ब्रांडबैंड बाजार में भी हमारा काफी बड़ी बाजार हिस्सेदारी है। जहां तक मोबाइल सेवा की बात है इसमें हमारी बाजार हिस्सेदरी कम है लेकिन आज भी लोग एमटीएनएल की सेवाओं को चाहते हैं।'' उन्होंने जोर देकर कहा कि ग्राहक और बाजार दोनों ही लिहाज से वहनीय दूरसंचार आपरेटर के तौर पर एमटीएनएल को बनाए रखने की जरूरत है।
पुरवार ने कहा, ‘‘इस प्रकार एमटीएनएल अभी भी दूरसंचार क्षेत्र में अपना स्थान रखता है और हम उम्मीद करते हैं कि सरकार की तरफ से जो कदम उठाए जा रहे हैं उनसे एमटीएनएल के पुनरूद्धार में काफी मदद मिलेगी।'' उन्होंने दावा किया कि ऐसे समय जब निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियां अपने प्रवर्तकों के दम पर खड़ी हैं, सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र की इन कंपनियों के प्रवर्तक के तौर पर उन्हें वहनीय और प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए पूरा समर्थन देने की जरूरत है।