Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Oct, 2025 04:08 PM

केंद्र सरकार ने साफ किया है कि तंबाकू और उससे जुड़े उत्पादों पर कोई नया GST (वस्तु एवं सेवा कर) नहीं लगाया जाएगा। हालांकि, GST कंपेन्सेशन सेस (क्षतिपूर्ति उपकर) समाप्त होने के बाद सरकार एक नया केंद्रीय कर (Central Tax) लागू करने की योजना बना रही है।...
बिजनेस डेस्कः केंद्र सरकार ने साफ किया है कि तंबाकू और उससे जुड़े उत्पादों पर कोई नया GST (वस्तु एवं सेवा कर) नहीं लगाया जाएगा। हालांकि, GST कंपेन्सेशन सेस (क्षतिपूर्ति उपकर) समाप्त होने के बाद सरकार एक नया केंद्रीय कर (Central Tax) लागू करने की योजना बना रही है। इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्यों की आमदनी पर कोई असर न पड़े और महंगे या स्वास्थ्य के लिए हानिकारक उत्पादों से टैक्स राजस्व लगातार मिलता रहे।
तंबाकू पर पहले से भारी टैक्स बोझ
सिगरेट, बीड़ी और च्यूइंग टोबैको जैसे तंबाकू उत्पादों पर फिलहाल 28% GST लगाया जाता है। इसके साथ-साथ इन पर कंपेन्सेशन सेस भी लगता है, जिससे इन पर कुल टैक्स बोझ 60–70% या उससे अधिक तक पहुंच जाता है। यह सेस जुलाई 2017 में GST लागू होने के साथ ही शुरू किया गया था, ताकि राज्यों को शुरुआती वर्षों में टैक्स घाटे की भरपाई की जा सके।
कंपेन्सेशन सेस खत्म होने के बाद नई व्यवस्था
कंपेन्सेशन सेस की मूल समय सीमा जून 2022 में खत्म हो चुकी थी लेकिन कोविड महामारी के दौरान राज्यों को वित्तीय सहायता देने के लिए केंद्र ने 2.7 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। इस कारण से इस सेस को मार्च 2026 तक जारी रखने की अनुमति दी गई। अब सरकार इस अवधि के बाद एक नई वित्तीय रूपरेखा पर काम कर रही है, जिसके तहत GST से अलग एक केंद्रीय टैक्स लगाया जाएगा, ताकि राजस्व प्रवाह बना रहे और राज्यों को नुकसान न हो।
लक्ज़री और सिन गुड्स पर पहले से ज्यादा टैक्स
अधिकारियों के मुताबिक, लक्ज़री आइटम्स और सिन गुड्स (Sin Goods) जैसे महंगे कार, तंबाकू और शराब पर GST दर पहले ही 28% से बढ़ाकर 40% तक की जा चुकी है। राज्यों को अनुमान से कम घाटा होने की उम्मीद है क्योंकि टैक्स कंप्लायंस में सुधार और खपत में बढ़ोतरी से कुल राजस्व बढ़ा है। पहले लगभग ₹48,000 करोड़ रुपए की कमी का अनुमान था, जो अब घट सकता है।
उपभोक्ताओं पर सीमित असर
अभी तंबाकू उत्पादों की कीमतों में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। नई केंद्रीय कर व्यवस्था लागू होने के बाद भी उपभोक्ताओं पर कुल टैक्स बोझ में बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। कीमतों में हल्का बदलाव संभव है, जो टैक्स की संरचना और इसके लागू करने के तरीके पर निर्भर करेगा। कुल मिलाकर, सरकार GST दरों को स्थिर रखते हुए नए केंद्रीय कर के जरिए राजस्व निरंतरता (Revenue Continuity) बनाए रखने की दिशा में काम कर रही है।