Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Jan, 2022 10:54 AM

घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा का मानना है कि आगामी बजट में सरकारी नियंत्रण वाले बैंकों में पूंजी डाले जाने को लेकर कोई प्रावधान किए जाने की संभावना नहीं है। इक्रा रेटिंग्स ने बृहस्पतिवार को अपने एक बयान में कहा कि पिछले छह वर्षों में सार्वजनिक क्षेत्र...
मुंबईः घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा का मानना है कि आगामी बजट में सरकारी नियंत्रण वाले बैंकों में पूंजी डाले जाने को लेकर कोई प्रावधान किए जाने की संभावना नहीं है। इक्रा रेटिंग्स ने बृहस्पतिवार को अपने एक बयान में कहा कि पिछले छह वर्षों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सरकार 3.36 लाख करोड़ रुपए की पूंजी डाल चुकी है। ऐसी स्थिति में वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में इस तरह का कोई नया प्रावधान किए जाने की संभावना नहीं है।
बयान के मुताबिक बैंक बाजार से फंड जुटाने के अलावा आंतरिक स्रोतों से पूंजी जुटाएंगे। उसने कहा कि कर्जदाताओं के पास अपने स्तर पर पूंजी जुटाने की क्षमता है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि पूंजी डाले जाने की वजह से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) सितंबर 2021 में घटकर 2.8 फीसदी पर आ गयी जो मार्च 2018 में आठ फीसदी के स्तर पर पहुंच चुकी थी।
यह कहा जा सकता है कि अतीत में बैंक पुनर्पूंजीकरण आवंटन पर हर साल के बजट पर निगाहें टिकी रहती थीं लेकिन इक्रा को इस बार के बजट में ऐसा होने की संभावना कम नजर आ रही है। इक्रा के मुताबिक, बही-खाता बेहतर स्थिति में होने और उनकी आय का परिदृश्य सुधरने से बैंक सीधे ही बाजार से पूंजी जुटा सकते हैं।