Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Sep, 2025 11:49 AM

सरकार ने सभी दवा कंपनियों को आदेश दिया है कि वे 22 सितंबर 2025 से नई जीएसटी व्यवस्था के तहत दवाओं, फॉर्मूलेशन और मेडिकल डिवाइसेज़ की एमआरपी अपडेट करें। नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने कहा कि जीएसटी दरों में की गई कटौती का सीधा फायदा...
बिजनेस डेस्कः सरकार ने सभी दवा कंपनियों को आदेश दिया है कि वे 22 सितंबर 2025 से नई जीएसटी व्यवस्था के तहत दवाओं, फॉर्मूलेशन और मेडिकल डिवाइसेज़ की एमआरपी अपडेट करें। नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने कहा कि जीएसटी दरों में की गई कटौती का सीधा फायदा मरीजों और ग्राहकों तक पहुंचेगा। कंपनियों को डीलरों, रिटेलर्स और स्टेट ड्रग कंट्रोलर्स को नई प्राइस लिस्ट साझा करने के लिए कहा गया है।
नोटिस में यह भी साफ किया गया है कि कंपनियों को 22 सितंबर से पहले बाजार में मौजूद पुराने स्टॉक को वापस लेने या री-लेबल करने की जरूरत नहीं होगी, बशर्ते वे रिटेल स्तर पर नई कीमतों का पालन सुनिश्चित करें। रेगुलेटर ने इंडस्ट्री एसोसिएशन्स को सलाह दी है कि वे अखबारों में विज्ञापन देकर डीलरों और रिटेलर्स तक जानकारी पहुंचाएं।
3 सितंबर को हुई 56वीं जीएसटी काउंसिल मीटिंग में दवाओं और रोज़मर्रा के कई उत्पादों पर टैक्स दरों में बड़े बदलाव किए गए। प्रमुख दवाओं पर जीएसटी 5% से घटाकर शून्य कर दिया गया है, जिससे करीब 33 जेनरिक दवाएं टैक्स-फ्री हो गई हैं। इसके अलावा वाडिंग, धुंध, पट्टियां और मेडिकल या डेंटल उपयोग वाली चीजों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
सरकार ने पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स पर भी राहत दी है। अब टैल्कम पाउडर, फेस पाउडर, हेयर ऑयल, शैम्पू, डेंटल फ्लॉस, टूथपेस्ट, टॉयलेट सोप, शेविंग क्रीम और आफ्टर शेव लोशन जैसे उत्पादों पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है।