Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Sep, 2025 03:37 PM

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि आयात कम करना और निर्यात बढ़ाना राष्ट्रवाद का सबसे महत्वपूर्ण रूप है। गडकरी ने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ज्ञान और अनुसंधान में आगे बढ़ने वाला देश 'विश्वगुरु' के रूप में उभरेगा।...
मुंबईः केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि आयात कम करना और निर्यात बढ़ाना राष्ट्रवाद का सबसे महत्वपूर्ण रूप है। गडकरी ने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ज्ञान और अनुसंधान में आगे बढ़ने वाला देश 'विश्वगुरु' के रूप में उभरेगा। उन्होंने शिक्षा और नवाचार को राष्ट्रीय विकास के साथ जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए सबसे जरूरी चीज है ज्ञान। दुनिया में जो भी देश प्रगति करता है, वह वैसा ज्ञान और अनुसंधान के बल पर ही करता है। रक्षा, कृषि और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काफी अनुसंधान जारी है।''
गडकरी ने कहा कि पहले युद्ध सैनिकों और टैंकों से लड़े जाते थे लेकिन अब ड्रोन और मिसाइल का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो वैश्विक गतिशीलता में ज्ञान-आधारित रणनीतियों की ओर बदलाव का संकेत है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा, "इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, ज्ञान और अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करना और यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि हमें जो शिक्षा मिल रही है वह हमारे जीवन के लिए प्रासंगिक हो।"
गडकरी ने कहा, "युवाओं का भविष्य देश के भविष्य से जुड़ा है। जिन चीजों का हम आयात करते हैं...उन पर अनुसंधान करना, आयात कम करना और निर्यात बढ़ाना राष्ट्रवाद का सबसे बड़ा रूप है।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भौतिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अनुसंधान से आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। गडकरी ने कहा कि दुनिया ने भारत की विरासत, इतिहास, संस्कृति और योग के ज्ञान में रुचि दिखाई है और देश को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसका ज्ञान समाज और राष्ट्र के लिए लाभकारी हो।