जी.एस.टी. पर एफएक्यू जारी, ई रिटेलरों, एप टैक्सी सेवाओं को पंजीकरण कराना होगा

Edited By Updated: 22 Sep, 2016 02:36 PM

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अगले साल अप्रैल से वस्तु एवं सेवा कर जी.एस.टी. को क्रियान्वित करने की तैयारियों के सिलसिले में केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड...

नई दिल्ली: अगले साल अप्रैल से वस्तु एवं सेवा कर जी.एस.टी. को क्रियान्वित करने की तैयारियों के सिलसिले में केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड सी.बी.ई.सी. ने आज बार-बार पूछे जाने वाले सवालों के जवाब एफएक्यू जारी किए।

इसमें ई-कामर्स कंपनियों तथा एप आधारित टैक्सी सेवा देने वाली कंपनियों पर कर का ब्योरा भी दिया गया है। वित्त मंत्री अरण जेटली द्वारा जारी 268 पृष्ठ के इस एफएक्यू में 24 विषयों पर करीब 500 सवालों का जवाब दिया गया है।

इनमें पंजीकरण, मूल्यांकन और भुगतान, दायरा और आपूर्ति का समय, रिफंड, जब्ती तथा गिरफ्तारी से संबंधित सवालों के जवाब हैंं। इसमें स्पष्ट किया गया है कि आेला जैसी एप आधारित टैक्सी सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों को पंजीकरण कराना होगा और उनके लिए छूट की कोई सीमा नहीं होगी।

वहीं आमेजन जैसी ई-कामर्स कंपनियों को भी जी.एस.टी. के तहत पंजीकरण कराने की जरूरत होगी चाहे उनके द्वारा की गई आपूर्ति का मूल्य कुछ भी हो। इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि टाइटन सहित, अपनी वेबसाइट के जरिए घड़ियां और आभूषण बेचने वाली कंपनियों को ई-कामर्स परिचालक नहीं माना जाएगा।
 

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