Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Nov, 2025 01:27 PM

मुंबई और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में घर खरीदना आम लोगों के लिए दिन-ब-दिन मुश्किल होता जा रहा है। इन शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतें इतनी ज्यादा हैं कि मिडिल क्लास के लिए मकान खरीदना या तो सपना बनकर रह गया है या फिर होम लोन की EMI का बोझ उनकी आर्थिक...
बिजनेस डेस्कः मुंबई और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में घर खरीदना आम लोगों के लिए दिन-ब-दिन मुश्किल होता जा रहा है। इन शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतें इतनी ज्यादा हैं कि मिडिल क्लास के लिए मकान खरीदना या तो सपना बनकर रह गया है या फिर होम लोन की EMI का बोझ उनकी आर्थिक स्थिति को बिगाड़ सकता है। इसको लेकर सीनियर एनालिस्ट और फाइनेंस एक्सपर्ट सुजय यू ने एक महत्वपूर्ण चेतावनी दी है।
सुजय यू ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट में कहा कि आज के शहरी युवाओं के लिए घर खरीदना अमीरी की राह नहीं बल्कि आर्थिक दिक्कतों का कारण बन सकता है। उनके अनुसार, वर्तमान समय में किराए पर रहना कई मामलों में ज्यादा समझदारी भरा फैसला है।
कमाई के मुकाबले काफी महंगी प्रॉपर्टी
- मुंबई में 2 BHK की कीमत: 2 से 2.2 करोड़ रुपए
- बेंगलुरु में 2 BHK की कीमत: 1.2 से 1.4 करोड़ रुपए
- इन शहरों में औसत परिवार की सालाना आय: 20 से 30 लाख रुपए
अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार घर की कीमत परिवार की आय से 3-5 गुना होनी चाहिए लेकिन भारत के इन शहरों में यह 8 से 12 गुना तक जा पहुंची है। इससे साफ है कि प्रॉपर्टी बेहद महंगी हो चुकी है।
होम लोन की EMI बन सकती है जाल
सुजय बताते हैं कि मुंबई में 2 करोड़ रुपए के फ्लैट पर EMI करीब 1.4 लाख रुपए प्रति माह आती है।
यह परिवार की आय का 50% से 70% तक खा जाती है। ग्लोबल फाइनेंशियल रूल के अनुसार, EMI या किराया आमदनी के 30% से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
रिटर्न भी बेहद कम
- 2013 से 2023 के बीच मुंबई में प्रॉपर्टी की कीमतों में 1% की गिरावट
- देशभर में रियल एस्टेट की वास्तविक सालाना बढ़ोतरी सिर्फ 3%
- किराए से मिलने वाला रिटर्न लगभग 2%, जो दुनिया में सबसे कम
कहां बन रहा है बेहतर धन
सुजय बताते हैं कि बेंगलुरु में कई युवा EMI का पैसा SIP और म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं।
20 साल बाद ये लोग उन लोगों की तुलना में ज्यादा संपत्ति बना लेते हैं, जिन्होंने भारी होम लोन लेकर घर खरीदा।